नहीं ले पाते अच्छी नींद , 10 करोड़ लोग इस धरती पर :world sleep day

बेहतर स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद बहुत ही जरूरी है, लेकिन एक सर्वेक्षण में पता चला है कि दुनियाभर में 10 करोड़ लोग स्लीप एप्निआ यानी अच्छी नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक लोग तो इस बीमारी का पता ही नहीं हैं और 30 प्रतिशत लोग नींद लेते भी हैं तो उसे नियमित बनाए नहीं रख पाते। स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी कंपनी फिलिप्स इंडिया लिमिटेड ने सवेर्क्षण के तहत जब 13 देशों- अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड, फ्रांस, भारत, चीन, ऑस्टेलिया, कोलंबिया, अजेर्ंटीना, मेक्सिको, ब्राजील और जापान में 15,000 से अधिक वयस्कों से नींद के बारे में पूछा, तो कुछ रोचक बाते सामने आए :
67 प्रतिशत ने कहा अच्छी नींद की जरूरत महसूस की, लेकिन यह उनकी प्राथमिकता में शामिल नहीं है। भारत में 66 प्रतिशत लोग मानते हैं कि तंदुरुस्ती के लिए नींद से ज्यादा व्यायाम जरूरी है, जबकि चिकित्सकों का मानना है कि प्रतिदिन छह से आठ घंटे नींद लेना जरूरी है।

61 प्रतिशत लोगों का कहना था कि किसी बीमारी के इलाज के दौरान उनकी नींद प्रभावित होती है। इनमें से 26 प्रतिशत अनिद्रा से और 21 प्रतिशत खरार्टों की वजह से पीड़ित हैं। 58 प्रतिशत लोग मानते हैं कि चिंता उनके लिए अनिद्रा का कारण है और 26 प्रतिशत लोग मानते हैं कि प्रौद्योगिकी विकर्षण अच्छी नींद में बधक है। भारत में 19 प्रतिशत वयस्कों ने कहा कि सामान्य नींद के समय के साथ काम के घंटों का बहुत बढ़ जाना (शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर) नींद में एक प्रमुख बाधा है। अन्य 32 प्रतिशत भारतीय वयस्कों ने कहा कि प्रौद्योगिकी भी एक प्रमुख नींद विकर्षण है।

खराब नींद के लिए दुनियाभर में 46 प्रतिशत वयस्क थकान व चिड़चिड़ा व्यवहार को जिम्मेदार मानते हैं और 41 प्रतिशत इसके लिए प्रेरणा की कमी तो 39 प्रतिशत एकाग्रता की कमी इसका प्रमुख कारण मानते हैं।
दुनियाभर में 77 प्रतिशत वयस्कों ने अपनी नींद में सुधार की कोशिश की है। लोकप्रिय प्रयासों में शामिल हैं सुखदायक संगीत (36 प्रतिशत) और सोने के समय उठने के समय सारिणी का पालन (32 प्रतिशत) सहित अन्य। भारतीय में से 45 प्रतिशत वयस्कों ने बताया कि उन्होंने अच्छी नींद के लिए ध्यान केंदित करने की कोशिश की, जबकि 24 प्रतिशत वयस्कों ने अच्छी नींद लेने और उसे बनाए रखने के लिए विशेष बिस्तर को अपनाया।

युवा पीढ़ी (18 से 24 वर्ष आयु वर्ग) नींद के बारे मेंअलग ढंग से सोचती है। इन युवाओं के पास सोने का समय निधार्िरत होने की संभावना कम है, फिर भी वे हर रात अधिक नींद लेते हैं यानी 7.2 घंटे सोते हैं। इनकी तुलना में 25 वर्ष से अधिक के लोग 6.9 घंटे ही सोते हैं। वे अच्छी नींद लेने की आदत न अपनाने पर भी ज्यादा अपराध बोध महसूस करते हैं (35 वर्ष से अधिक आयु के 26 प्रतिशत की तुलना में 35 प्रतिशत)।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*