मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने लोकसभा में दिया नोटिस

आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने अब मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है। वाईएसआर कांग्रेस ने भी अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है। इस बीच कांग्रेस ने भी इस पर साथ देने का ऐलान कर दिया है। यह कदम आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार करने पर उठाया गया है. पार्टी के सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को नोटिस दिया कि इस प्रस्ताव को सदन के कामकाज में शामिल किया जाए. यह जानकारी रेड्डी के कार्यालय ने दी. आपको बता दें कि प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जा सकता है जब सदन में उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो. वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा में 9 सदस्य हैं. अगर इसे स्वीकार कर लिया जाता है तो यह मोदी सरकार के खिलाफ लाया जाने वाला पहला अविश्वास प्रस्ताव होगा.

वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने विभिन्न दलों के नेताओं को पत्र लिखकर प्रस्ताव के लिये समर्थन मांगा है.  इधर टीडीपी ने एनडीए से अलग होने का फैसला कर लिया है और उसने भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है. टीडीपी के 16 सांसद हैं. तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को कई दलों का समर्थन मिलता दिख रहा है।

कांग्रेस, एआईएडीएमके, टीएमसी, एनसीपी और सीपीएम जैसे बड़े दलों ने टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने का ऐलान किया है। रिपोर्ट के मुताबिक एनडीए की सहयोगी शिवसेना भी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में समर्थन दे सकती है। शिवसेना लंबे वक्त से बीजेपी से नाराज चल रही है। आम आदमी पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन देने की घोषणा कर दी है।इस अविश्वास प्रस्वात के क्या परिणाम हो सकते हैं? ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है क्योंकि एनडीए में शामिल शिवसेना भी बीजेपी के खिलाफ ताल ठोंकने में लगी हुई है.

कांग्रेस लीडर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि शुरुआत से ही आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का समर्थन करते रहे हैं। हम चाहते हैं कि आंध्र के लोगों को न्याय मिले। जब अविश्वास प्रस्ताव पेश होता है, तब आप सरकार की असफलताओं पर बात करते हैं। हम तमाम लोगों से संपर्क साध रहे हैं। इस बीच एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने का ऐलान किया है।

सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘हम बीजेपी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। यह आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ विश्वासघात है।’ इस बीच बीजेपी ने टीडीपी की ओर से एनडीए से समर्थन वापस लेने और केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के ऐलान को बीजेपी ने आम चुनाव से पहले की रिहर्सल करार दिया है।

लोकसभा में सीटों की स्थिति
अभी लोकसभा में बीजेपी के बीजेपी के 273 सांसद हैं। कांग्रेस के 48, AIADMK के 37, तृणमूल कांग्रेस के 34, बीजेडी के 20, शिवसेना के 18, टीडीपी के 16, टीआरएस के 11, सीपीआई (एम) के 9, वाईएसआर कांग्रेस के 9, समाजवादी पार्टी के 7, इनके अलावा 26 अन्य पार्टियों के 58 सांसद है। 5 सीटें अभी भी खाली हैं।

क्या मोदी सरकार को खतरा है?
नहीं मोदी सरकार को खतरा नहीं है क्योंकि उनके पास बीजेपी के ही 273 सांसद हैं। जिनके दम पर बीजेपी अकेले ही सरकार बना सकती है। अभी बीजेपी के पास बहुमत से 1 सीट ज्यादा है।

 

2014 के बाद 20 लोकसभा सीटों में से तीन पर ही जीती BJP
साल 2014 में लोकसभा में बीजेपी की स्थिति काफी मजबूत थी। उसके 282 सांसद थे जो घटकर 273 पर आ गए हैं। 2014 के बाद अलग-अलग राज्यों में 20 सीटों पर उपचुनाव हुए। जिसमें से बीजेपी सिर्फ तीन सीटों पर ही जीत सकी। हालांकि इसमें से कई सीटे ऐसी थी जो पहले से भी बीजेपी के पास नहीं थी। लेकिन जिस तरह से मोदी लहर का दावा किया जाता है उसमें 20 में से सिर्फ तीन सीटे जीतना मोदी की लोकप्रियता पर सवाल खड़े करता है।

YSR Congress’s no-confidence motion against the Narendra Modi government in the backdrop of the centre’s refusal to grant special category status to Andhra Pradesh

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*