केंद्र की मोदी सरकार राफेल डील की जांच जेपीसी से कराने के लिए तैयार नहीं है। इस बीच विपक्ष अड़ा हुआ है कि सरकार राफेल डील की जांच जेपीसी से कराए। लोकसभा में ‘चौकीदार’ चोर है के नारे लग रहे हैं। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही जारी है।
राफेल मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष की नारेबाजी जारी है। सदन में मोदी जी इस्तीफा दो के नारे लग रहे हैं। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही जारी है।
अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में राफेल डील को लेकर छपी रिपोर्ट को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को सफाई देनी पड़ी है। लोकसभा में सफाई देते हुए रक्षा मंत्री ने अखबार की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया। लोकसभा में विपक्ष की नारेबाजी जारी है।
राफेल डील की जांच कराने की मांग को लेकर कांग्रेस के सांसद लोकसभा में हंगामा कर रहे हैं। पार्टी की मांग है कि जेपीसी गठन के जरिए इस समझौते की जांच कराई जाए।
‘द हिंदू’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, राफेल डील को लेकर फ्रांस सरकार के साथ रक्षा मंत्रालय की ओर से की जा रही डील के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल का फायदा फ्रांस को मिला था। रिपोर्ट के अनुसार राफेल डील पर दोनों देशों की ओर से शीर्ष स्तर पर हो रही बातचीत में पीएमओ के ‘सामानांतर दखल’ का भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कड़ा विरोध जताया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएमओ के ‘सामानांतर दखल’ के चलते रक्षा मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की टीम सौदे को लेकर बातचीत कमजोर पड़ गई। 24 नवंबर, 2015 को इस बात का तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी संज्ञान में लिया था। इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने प्रेस से बात करते हुए मोदी सरकार से मांग की कि वह इस मामले में जांच कराए।
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