जानिए, लोकसभा चुनाव में बिहार के किन बड़े नेताओं के कट सकते हैं टिकट

लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर बिहार एनडीए के सहयोगी दलों के बीच तालमेल बिठाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। बिहार एनडीए के दलों में आपसी सहमति से अभी तक हुए समझौते के मुताबिक, बीजेपी और जेडीयू के बराबर 17-17 सीट मिल सकती है। जबकि, लोक जनशक्ति पार्टी चार और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के दो उम्मीदवार को टिकट दिया जा सकता है। लेकिन, इसके लिए भरपाई के तौर पर एलजेपी को राज्यसभा की एक सीट दी जा सकती है।
हिन्दुस्तान टाइम्स ने राजनीतिक सूत्रों के हवाले से बताया कि 72 वर्षीय केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान अपने राजनीतिक गढ़ हाजीपुर संसदीय सीट को छोड़ सकते हैं। यहां से पहली बार पासवान ने साल 1977 में करीब 4 लाख से भी ज्यादा वोटों के साथ पहली बार जीत दर्ज की थी। इसकी जगह पर उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है। सूत्र ने बताया कि यह फैसला उनके स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए लिया जा सकता है।
राज्यसभा की दो सीट अगले साल जून में बीजेपी शासित राज्य असम में खाली होगी जबकि जुलाई में तमिलनाडु के अंदर 6 सीटें खाली होंगी।
अगर पासवान खुद चुनाव नहीं लड़ते हैं तो हाजीपुर संसदीय सीट पर उनके बेटे चिराग पासवान को उतारा जा सकता है। चिराग फिलहाल जमुई से सांसद हैं, जो उस सीट पर नए उम्मीदवार होंगे। वैशाली, जमुई छोड़ सकती है एलजेपी
पासवान के भाई रामचंद्र समस्तीपुर सीट से सांसद है और ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें दोबारा इस सीट से प्रत्याशी बनाकर उतारा जा सकता है। लेकिन, एलजेपी वैशाली और मुंगेर लोकसभा सीट छोड़ सकती है, ताकि एनडीए के अंदर नीतीश कुमार के लिए जगह बनाई जा सके।
राजनीतिक सूत्रों ने बताया कि निलंबित दरभंगा के सांसद कीर्ति आजाद और पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का बीजेपी से टिकट कट सकता है। हालांकि, एक तरफ जहां पटना साहिब सीट बीजेपी के पास बनी रह सकती है तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू अपने लिए दरभंगा सीट चाह रही है।

राजनीतिक सूत्रों ने बताया कि ऐसे कई बड़े नेता है जिनके संसदीय सीट में बदलाव किया जा सकता है। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नवादा से बीजेपी सांसद है और वे बेगुसराय सीट पर चुनाव लड़ना चाह रहे है। इससे पहले बेगुसराय से भोला सिंह थे जिनका पिछले महीने निधन हो गया।
बक्सर से सांसद और केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भागलपुर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। भागलपुर लोकसभा सीट से पूर्व केन्द्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन को साल 2014 में शिकस्त मिली थी। शाहनवाज एक बार फिर से यहां से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं।

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