ब्रिटेन की एक अदालत ने कहा है कि उद्योगपति विजय माल्या को ‘कानून से भगोड़ा’ करार दिया जा सकता है। माल्या भारत में धोखाधड़ी व मनी लांड्रिंग के मामलों का सामना कर रहा है। हाइकोर्ट के जज एंड्रयू हेनशॉ ने दर्ज किया कि माल्या कथित वित्तीय गड़बड़ियों के लिए भारत को प्रत्यर्पण किए जाने का विरोध कर रहा है। साथ ही हाईकोर्ट माल्या के उस दावे से संतुष्ट नहीं हुआ कि वह 1988 से एनआरआई के तौर पर रह रहे हैं और 1992 से इंग्लैड में रहते हैं।
जज ने अपने फैसले में लिखा है कि उपरोक्त सभी हालात और प्रत्यर्पण का विरोध किए जाने को देखते हुए, माल्या को कानून से भगोड़ा करार दिए जाने का आधार है। माल्या पर भारत में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी व मनी लांड्रिंग का आरोप है। इन मामले के सामने आने के बाद वह देश छोड़कर भाग गया था।
गौरतलब है कि जज हेनशॉ ने एक दिन पहले मंगलवार को अपने फैसले में माल्या की आस्तियों को जब्त करने संबंधी वैश्विक आदेश को पलटने से इनकार कर दिया। उन्होंने अपने फैसले में भारतीय अदालत के उस आदेश को सही बताया है कि भारत के 13 बैंक माल्या से 1.55 अरब डॉलर की राशि वसूलने के पात्र हैं। भारत के 13 बैंकों के समूह ने माल्या से 1.55 अरब डॉलर से अधिक की वसूली के लिए यहां एक मामला दर्ज कराया था। जज ने अपने फैसले के तहत लिखा है कि उपरोक्त सभी हालात को मद्देनजर रखते हुए, यहां तक कि माल्या द्वारा प्रत्यर्पण के कथित आधार का विरोध किये जाने को देखते हुए, माल्या को कानून से भगोड़ा करार दिये जाने का आधार है। माल्या पर भारत में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी व मनी लांड्रिंग का आरोप है। ये मामले सामने आने के बाद वह देश छोड़कर भाग गया था।
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