महाराष्ट्र सरकार के पास नहीं है पुलिसकर्मीयों को वेतन देने का पैसा, देवेंद्र फडणवीस से ‘वर्दी पहनकर भीख मांगने’ की मंजूरी मांगी

मुंबई पुलिस के एक कांस्टेबल ने पिछले दो महीने से वेतन ना मिलने की बात कहते हुए ‘वर्दी पहनकर भीख मांगने’ की मंजूरी मांगी है. पुलिसकर्मी का कहना है कि वेतन ना मिलने के कारण वह अपने परिवार का गुजर बसर नहीं कर पा रहा है.

कांस्टेबल दन्यनेश्वर अहीरराव ने अपने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस कमिश्नर दत्ता पदसालगिकर और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में कांस्टेबल अहीरराव ने अपनी बीमार पत्नी की देखभाल और घरेलू खर्च निकालने के लिए भीख मांगने की मंजूरी देने को कहा है. अहीरराव लोकल आर्म्स यूनिट से जुड़े हैं. उन्होंने पत्र में लिखा कि उसने 20 मार्च से 22 मार्च के बीच छुट्टी ली थी लेकिन पत्नी का पैर टूटने के कारण वह छुट्टी खत्म होने पर काम के लिए नहीं पहुंचा.

उद्धव ठाकरे के घर ‘मातोश्री’ की सुरक्षा में लगे दल में तैनात अहीरराव ने दावा किया कि उसने अपने यूनिट के प्रभारी को पांच दिन की इमरजेंसी छुट्टी लेने की जानकारी दी थी. बाद में पत्नी के इलाज के बाद 28 मार्च को काम पर लौट आया. बाद में उसका वेतन रोक दिया गया और इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई.

कांस्टेबल ने पत्र में लिखा, ‘मुझे अपनी बीमार पत्नी की देखभाल करनी होती है, बुजुर्ग माता-पिता और एक बेटी का गुजर बसर करना होता है. इसके अलावा मुझे कर्ज की हर महीने किश्त देनी होती है लेकिन जब से वेतन रोका गया है, मैं ये खर्च ढोने में असमर्थ हूं. इसलिए मैं आपसे वर्दी पहनकर भीख मांगने की मंजूरी चाहता हूं.’

अहीरराव से और जानकारी के लिए संपर्क नहीं किया जा सका. संपर्क किए जाने पर लोकल आर्म्स यूनिट के पुलिस कमिश्नर वसंत जाधव ने कहा, ‘मामला प्रशासनिक विभाग के तहत आता है. मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता.’

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