राहुल गाँधी का मोदी पर तंज, मोबाइल की तरह हैं मोदी, स्पीकर और एयरोप्लेन मोड में ही रहते हैं, वर्क मोड में आते ही नहीं

कोलार.राहुल गांधी सोमवार को कर्नाटक में अपने 9वें दौर के चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे। उन्होंने नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा, “मोदी मोबाइल फोन की तरह हैं। वे या तो स्पीकर मोड में होते हैं या एयरोप्लेन मोड में। वे वर्क मोड तो होते ही नहीं।” उन्होंने कोलार में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ बैलगाड़ी और साइकिल पर रोड शो निकाला। राहुल में ट्वीट भी किया कि 4 साल में बीजेपी सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर करोड़ों रुपए टैक्स लिया, लेकिन लोगों को राहत नहीं दी। बता दें कि राहुल ने बेंगलुरु से 60 किमी दूर जिस कोलार में बैलगाड़ी और साइकिल से रोड शो किया, वह जल संकट से जूझता रहता है। पिछली गर्मियों में तो वहां हर दिन 500 टैंकरों से पानी सप्लाई किया जा रहा था। उधर, तेल कंपनियों ने बीते 13 दिन से पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए हैं। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल महंगा हुआ है लेकिन भारत में इसका असर नहीं दिखा। माना जा रहा है कि 12 मई को कर्नाटक चुनाव इसकी वजह हो सकते हैं।

मोदी के पीपीपी कांग्रेस पर राहुल का जवाब
– हाल ही में मोदी ने कहा था कि कर्नाटक चुनाव के बाद कांग्रेस पंजाब पुडुचेरी परिवार (पीपीपी) कांग्रेस हो जाएगी।
– इस पर पूछे सवाल पर राहुल ने कहा, “मोबाइल फोन में 3 मोड होते हैं। पहला होता है वर्क मोड, दूसरा स्पीकर मोड और तीसरा एयरोप्लेन मोड। मोदी केवल स्पीकर और एयरोप्लेन मोड का ही इस्तेमाल करते हैं, वर्क मोड का नहीं।”
– राहुल ने कहा, “आपने मुझे सुना होगा। मैं मोदी के बारे में बोलता हूं। मैं उनसे मुद्दों पर सवाल करता हूं लेकिन उनका सम्मान करता हूं। नरेंद्र मोदी एक बुजुर्ग शख्स हैं। वे 70 साल के होने वाले हैं। जो मुझसे बड़े हैं, उनका मैं सम्मान करता हूं।”
– “वे भ्रष्टाचार पर नहीं बोलते क्योंकि उनके बगल में येदियुरप्पा होते हैं। वे किसानों के बारे में नहीं बोलते क्योंकि उन्होंने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और बोनस नहीं दिया और उनका कर्ज माफ नहीं किया।”

देश को बताइए कि पेट्रोल के दाम कम क्यों नहीं हो रहे
– राहुल ने रोड शो के दौरान बैलगाड़ी पर बैठकर मोदी से कहा, ‘‘आप देश को बताइए कि पेट्रोल के दाम कम क्यों नहीं कर रहे हैं। देश को आप बताओ कि आप नीरव मोदी की जेब में पैसा डालना चाहते और गरीब लोगों की जेब में पैसा नहीं डालना चाहते हो। देश को बताओ कि आप महिलाओं की जेब से जो पैसा निकालते हो वो नीरव मोदी और ललित मोदी की जेब में डालते हो। मोदीजी कहते हैं कि ये चुनाव नरेंद्र मोदी के बारे में है। नहीं, हम कहते हैं- ये चुनाव कर्नाटक की जनता के बारे में। क्या देश के प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के एक किसान को एक रुपया भी दिया?’’

सरकार हमारे नागरिकों को कोई राहत नहीं दे रही
– राहुल ने #BJPReducePetrolPrices के नाम से ट्वीट में लिखा, “बीजेपी सरकार ने 2014 से अब तक पेट्रोल/एलपीजी/डीजल पर 10 लाख करोड़ रुपए का टैक्स कमाया लेकिन लोगों को कीमतों में कोई राहत नहीं दी।”
– राहुल ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है, इसमें बताया कि मोदी सरकार का पेट्रोल की कीमतों का सच क्या है?
– राहुल ने वीडियो में कहा, “अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 67% की कमी आई। इसके बावजूद भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। अच्छे दिन का दावा करने वाली सरकार खामोश क्यों है?”

नोटबंदी-जीएसटी सरकार की सबसे बड़ी चूक: मनमोहन
– मनमोहन सिंह ने भी सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारे प्रधानमंत्री दावोस में नीरव मोदी के साथ थे। कुछ ही दिन बाद नीरव मोदी देश छोड़कर भाग गया।”
– “सरकार की दो सबसे बड़ी चूक थी नोटबंदी और जीएसटी को लागू करने में जल्दबाजी। इन दोनों गलतियों को टाला जा सकता था। इन ब्लंडर के चलते जो आर्थिक नुकसान हुआ, उससे छोटे और लघु उद्योगों पर असर पड़ा। लाखों की संख्या में नौकरियां गईं।”
– “मोदी सरकार के आर्थिक प्रबंधन से आम जनता बैंकिंग व्यवस्था पर अपना भरोसा खो रही है। हाल की घटनाओं से हुई कैश की किल्लत को कई राज्यों में रोका जा सकता था।”
– “जिस तरह नरेंद्र मोदी हर दिन अपने विरोधियों के खिलाफ बातें कहने के लिए अपने पद का इस्तेमाल कर रहे हैं, वैसा दुरुपयोग किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया। इतने निचले स्तर पर चले जाना प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता। यह देश के लिए भी ठीक नहीं है।”

13 दिन से नहीं बदलीं पेट्रोल-डीजल की कीमतें

– तेल कंपनियों ने पिछले 13 दिन से पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा नहीं की है। इससे पहले गुजरात चुनाव के दौरान भी ऐसा ही हुआ था और वोटिंग के पहले 15 दिन तक तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखा गया। जैसे ही वोटिंग हुई, उसके बाद कीमतों में बढ़ोतरी कर दी गई।

– फिलहाल 24 अप्रैल से दिल्ली समेत देश के ज्यादातर बड़े शहरों में इनमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। 17 जून 2017 से इनकी कीमतों की हर दिन समीक्षा की जा रही है। तब से ऐसा पहली बार हुआ है जब इसमें करीब दो हफ्ते से कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पेट्रोल महंगा हुआ, लेकिन भारत में इसका असर नहीं दिखा। जबकि कीमतें तय करने में ये एक बड़ा फैक्टर होता है। माना जा रहा है कि 12 मई को होने वाले कर्नाटक चुनाव इसकी वजह हो सकते हैं।

 

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