कर्नाटक विधानसभा चुनाव और अगले साल 2019 में होने वाले आम चुनाव से ठीक पहले अपने दलित सांसदों के बगावती तेवरों को देखते हुए बीजेपी आलाकमान काफी परेशान है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेतृत्व वाली केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर लगातार दलित विरोधी होने के आरोप लग रहे हैं। हैरान करने वाली बात है कि मोदी सरकार पर ऐसे आरोप उन्हीं के पार्टी के दलित सांसद लगा रहे हैं।
Congress President Rahul Gandhi with senior Congress leaders Mallikarjun Kharge, Sheila Dikshit, Ashok Gehlot and Ajay Maken at Rajghat, where the Congress party is staging a protest and hunger strike over atrocities on Dalits. pic.twitter.com/ERxkUzvBIk
— ANI (@ANI) April 9, 2018
Delhi: Congress president Rahul Gandhi arrives at Rajghat, where the Congress party is staging a protest and hunger strike over atrocities on Dalits. pic.twitter.com/2rQQqzN58Y
— ANI (@ANI) April 9, 2018
दलितों के भारत बंद के दौरान हुई हिंसा पर सियासत फिर गरमा गई है। दलितों पर अत्याचार के खिलाफ और साम्प्रदायिक सौहार्द्र को लेकर कांग्रेस का आज पूरे देश में अनशन शुरु हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी सरकार आंदोलनकारियों का उत्पीड़न कर रही है। उन पर झूठे मुकदमे लादे जा रहे हैं।
दलितों के हो रहे कथित अत्याचार, जातीय हिंसा, केंद्र सरकार की ‘नाकामी’, संसद की कार्यवाही ठप होने के खिलाफ और साम्प्रदायिक सौहार्द्र को लेकर कांग्रेस ने सोमवार (9 अप्रैल) को राजघाट के साथ देशभर में उपवास रखा है। देश के सभी जिला मुख्यालयों में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एक दिन का अनशन कर रहे हैं।
राजघाट पर राहुल गांधी का उपवास
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार (9 अप्रैल) को राजघाट पर एक दिन का उपवास शुरू कर दिए हैं। पार्टी की ओर से कहा गया है कि यह उपवास सांप्रदायिक सद्भाव को संरक्षित करने और जातिगत हिंसा के खिलाफ है। राहुल गांधी राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर अपना उपवास शुरू किए और इस दौरान उनके साथ पार्टी के कई और नेता भी मौजूद हैं।
इस उपवास के पीछे की वजह सांप्रदायिक सौहार्द के बिगड़ते माहौल और दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को बताया गया है। कांग्रेस के नए संगठन महासचिव अशोक गहलोत की तरफ से पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों, एआईसीसी महासचिवों/प्रभारियों और विधायक दल के नेताओं के भेजे गए दिशा निर्देश में कहा गया है कि सांप्रदायिक सौहार्द को बचाने और बढ़ाने के लिए सभी राज्यों और जिलों के कांग्रेस मुख्यालयों में 9 अप्रैल को उपवास रखा जाए।
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