नई दिल्ली: राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस का 84 वां अधिवेशन शुरू हो गया है। अधिवेशन में देशभर से करीब 12 हजार कांग्रेस के कार्यकर्ता पहुंचे हैं। अधिवेशन में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस के सभी बड़े नेता मौजूद हैं। अधिवेशन में अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश को बांटने की कोशिश की जा रही है लेकिन हमें देश को जोड़ने का काम करना है।
देश को इन दिनों बांटने का काम चल रहा है। एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से लड़ाया जा रहा है। देश में गुस्सा फैलाया जा रहा है, लेकिन इसका मुकाबला कांग्रेस ही कर सकती है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में देश भर से आए कांग्रेसियों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘यह जो हाथ का निशान है, यही देश को जोड़ने और आगे ले जाने का काम कर सकता है।’
Sonia Gandhi, Rahul Gandhi & Manmohan Singh at #Delhi's Indira Gandhi Stadium for Congress' plenary session. pic.twitter.com/0QtEdWENym
— ANI (@ANI) March 17, 2018
Welcome delegates and distinguished guests to the #CongressPlenary.
Over the next two days I look forward to interacting with you and to sharing experiences and perspectives that will together help us build a stronger, more vibrant Congress party.
Jai Hind.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 17, 2018
Welcome delegates and distinguished guests to the
#CongressPlenary. Over the next two days I look forward to interacting with you and to sharing experiences and perspectives that will together help us build a stronger, more vibrant Congress party. Jai Hind.
अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार आयोजित हुए महाधिवेशन में राहुल ने मोदी सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, ‘युवा और किसान जब मोदी जी की ओर देखते हैं तो वह सोचते हैं कि आखिर रास्ता कहां मिलेगा। देश को सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही रास्ता दिखा सकती है। वो गुस्से का प्रयोग करते हैं और हम प्यार और भाईचारे का। कांग्रेस जो काम करेगी, वह पूरे देश के लिए करेगी।’
वरिष्ठ नेताओं को दिया साथ लेकर चलने का भरोसा
राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर चलने का भरोसा देते हुए कहा कि हम यहां भविष्य की योजना बनाने बैठे हैं, लेकिन बीते कल को भी नहीं भूलते। उन्होंने कहा कि मैं मंच से कहना चाहता हूं कि यदि युवा कांग्रेस को आगे ले जाएंगे तो यह काम वरिष्ठ नेताओं के बिना नहीं हो सकता। कांग्रेस में राहुल के नेतृत्व में नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के नेताओं के बीच तालमेल को लेकर चिंता जताई जाती रही है। ऐसे में राहुल गांधी का वरिष्ठ नेताओं को साथ लेकर चलने का बयान मायने रखता है।
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