किसान आंदोलन की आग अब देश की राजधानी दिल्ली में पहुंच गई है। भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने महापंचात बुलाई है। इन किसानों का कहना है कि हम सभी कर्ज में डूबे हैं और हर दिन किसान आत्महत्या कर रहे हैं हम यहां सरकार से यह मांग करने आए हैं कि स्वामीनाथन कमिटी की सिफारिशों को लागू किया जाए और किसानों के कर्ज को माफ किया जाए। किसानों ने कहा कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो उसे 2019 के चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
Farmers stage protest at Parliament Street in New Delhi, say, 'We are under debt & everyday farmers are committing suicide. We are here to tell the govt to implement Swaminathan Report & waive off loans, otherwise they will face the consequences in 2019 polls' pic.twitter.com/fCjS8wf0Kb
— ANI (@ANI) March 13, 2018
भारतीय किसान यूनियन का मानना है कि किसान लगातार समस्याओं में फंसता जा रहा है। सरकार सिर्फ खोखले वादे कर रही है, वादों को पूरा नहीं करती। किसान की बदतर स्थिति पर सरकार मौन है. स्वामीनाथन कमिटी की सिफारिशों में किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही गई थी, लेकिन कोई प्लान नहीं है. फसलों के दाम नहीं मिल रहे, गन्ना खेतों में खड़ा है, लेकिन चीनी मिल लेने को तैयार नहीं हैं.
भारतीय किसान यूनियन ने वसूली के नाम पर बिजली निगम पर किसानों का लगातार उत्पीड़न करने का आरोप भी लगाया। साथ ही यह भी कहा कि हाल में ही दाम में गिरावट के कारण आलू की फसल को सड़कों पर फेंकना पड़ा है। गन्ने का पूरा भुगतान भी किसानों को नहीं मिल रहा।
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