36 साल पुराने कानून में बदलाव, चिट फंड संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश

लोकसभा में चिट फंड (संशोधन) विधेयक, 2018 पेश किया गया जिसमे 1982 के चिट फंड अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है । इसमें चिटों के लिए मैत्री फंड का भी उपयोग करने का भी प्रावधान है। निचले सदन में वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने विधेयक पेश किया। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्नाद्रमुक के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच ही विधेयक पेश किया गया जो अपने अपने मुद्दों को लेकर आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे थे।

विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि चिट कारोबार का विकास करने तथा निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिहाज से संस्थागत और विधिक ढांचे में सुधार की सलाहकार समूह की सिफारिशों और पंजीकृत चिट फंड क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने तथा सरल और कारगर बनाने के लिए विधायी और प्रशासनिक प्रस्तावों को अंतिम रूप देने की वित्त (सोलहवीं लोकसभा) पर संसदीय स्थाई समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए चिट फंड संशोधन विधेयक, 2018 पेश किया गया है जिसमें चिटों के लिए मैत्री फंड के उपयोग का भी प्रावधान है।

विधेयक में नई जोड़ी गई धारा में कहा गया है, ‘कोई भी व्यक्ति चिट कारोबार तब तक नहीं करेगा, जब तक कि वह अपने नाम के भाग के रूप में चिट, चिट फंड, चिट्टी, कुरी या मैत्री फंड शब्दों में से किसी शब्द का प्रयोग नहीं करता है और चिट कारोबार करने वाले व्यक्ति से भिन्न कोई भी व्यक्ति अपने नाम के भाग के रूप में ऐसे किसी शब्द का प्रयोग नहीं करेगा। इसमें प्रधान के कमीशन की सीमा को पांच प्रतिशत से सात प्रतिशत करने का प्रावधान है।
चिट फंड अधिनियम, 1982 को चिट फंडों का विनियमन करने का उपबंध करने के लिए लागू किया गया था जो भारत में देशी कारोबार है और जिसने निम्न आय वाले परिवारों की वित्तीय आवश्यकताओं की परंपरागत रूप से पूर्ति की है।’

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*