28 फीसदी की भारी कमी आयी है अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों में

साल 2017 में भारतीय छात्रों को अमेरिकी स्टूडेंट वीजा मिलने में 28 फीसदी की कमी देखने को मिली है। न्यू स्टेट डाटा के जरिए ये आंकड़े सामने आए हैं।

अमेरिका द्वारा जारी किए गए कुल एफ-1 स्टूडेंट वीजा में लगभग 17 फीसदी की कमी देखने को मिली है। पिछले साल 2017 में यूएस द्वारा 393573 एफ-1 वीजा जारी किए गए थे, इनकी संख्या साल 2016 में 417728 थी। साथ ही 2017 में आई इस कमी में भारतीय छात्रों को सबसे कम वीजा जारी किए गए हैं। साल 2016 में 65257 भारतीय छात्रों को वीजा मिला था, जबकि 2017 में केवल 47302 वीजा ही जारी किेए गए हैं। इसके अलावा इस साल चीनी छात्रों को भी अमेरिका में पढ़ने के कम मौके मिले हैं। चीनी छात्रों की संख्या में 24 फीसदी की कमी आई है। इसका कारण साल 2014 में चीन के लिए अमेरिका की बदली गई वीजा नीति है। इस साल अमेरिका में अन्य देशों के छात्रों को वीजा न मिल पाने की संख्या के लिहाज से भारत और चीन सबसे ऊपर हैं। इसके बाद साउथ कोरिया, सऊदी अरब और कनाडा हैं।

पहले आई रिपोर्ट्स के अनुसार देखा गया कि अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के आवेदन ही कम आ रहे हैं। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि अमेरिका द्वारा विदेशी छात्रों के लिए जारी किए जाने वाले वीजा में आई कमी इसी कारण है।

अमेरिकन एसोसिएसन ऑफ कॉलेज रजिस्टरार्स और एडमिशन ऑफिसर्स ने इस मुद्दे पर कहा कि अमेरिका के कॉलेजों में विदेशी छात्रों के आवेदनों में लगभग 40 फीसदी की कमी आई है। इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि दुनिया भर के छात्रों और उनके परिवारों की अमेरिका के प्रति गलत सोच पनप रही है। वे ऐसा सोचने लगते हैं कि अमेरिका में विदेशी छात्रों के लिए अच्छा माहौल नहीं है।

यह भी जानना जरूरी है कि विदेशी छात्रों मे कमी डॉनल्ड ट्रम्प के राष्टपति बनने से पहले ही शुरू हो गई थी। साल 2016 में ही पिछले साल के 644233 से यह आंकड़ा घटकर 471728 हो गया था। इसका कारण अमेरिका में कोर्सेज की ज्यादा फीस को भी माना जाता है।

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