फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से मिलेंगे राहुल गांधी, नहीं होगी राफेल पर कोई चर्चा

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी विदेश यात्रा से लौटने के बाद चार दिवसीय भारत दौरे पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रोन से मुलाकात करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, राहुल के थाइलैंड और सिंगापुर की यात्रा से लौटने के बाद रविवार को यह मुलाकात होगी। विदेशों में बसे भारतीय लोगों से संपर्क साधने के लिए राहुल थाइलैंड और सिंगापुर की यात्रा पर गए हैं।

बहरहाल, अप्रैल2015 में  पीएम मोदी ने भारत और फ्रांस के बीच राफेल करार पर हस्ताक्षर किया था नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से किए गए राफेल करार के मुद्दे पर लगातार मोदी सरकार पर हमलावर रही कांग्रेस ने कहा कि राहुल और मैक्रों की मुलाकात के दौरान राफेल करार का मुद्दा नहीं उठाया जाएगा. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ कांग्रेस पार्टी किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष से भारत के रक्षा करार की चर्चा नहीं करेगी. यह हमारा अंदरूनी मामला है और इस मुद्दे पर सरकार को फ्रांस से बात करनी है, कांग्रेस को नहीं.’’

Why are PM & Def Minister hiding the ‘purchase price’? Is it correct that per aircraft pricing of Rafale as per bid dated 12.12.2012 during UPA-Congress government comes to Rs.526.1 Cr as against Modi government’s per aircraft purchase price of Rs.1,670.70 Cr? 1/

Dassault Aviation’s Annual Report discloses the price of 48 aircrafts (24 each) sold to Egypt & Qatar in 2015 as £ 7.9 billion i.e. ₹1,319.80 Cr per aircraft and of 36 aircrafts sold to India in 2016 as £7.5 billion i.e. ₹1,670.70 Cr per jet?Why the difference? 2/

Why did India pay Rs.350.90 crore per aircraft more i.e. a total of Rs.12,632 crore for 36 aircrafts? Dassault Aviation’s Annual Report reveals the price of 1 jet which Modi Govt is not willing to reveal on the floor of the Parliament 3/

कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों की फ्रांसीसी निर्माता कंपनी दशॉ एविएशन से विमान खरीद कर मोदी सरकार ने सरकारी खजाने को 12,612 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया है। पार्टी का कहना है कि कंपनी ने 11 महीने पहले कतर और मिस्र को जिस कीमत पर विमान बेचे भारत से उससे हर विमान के लिए 351 करोड़ ज्यादा लिए। फ्रांस सरकार के साथ हुए समझौते में ‘गोपनीयता के प्रावधान’ के कारण सरकार राफेल विमानों की खरीद की कीमत बताने से इनकार कर रही है।

सुरजेवाला ने कहा कि यदि किसी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री भारत आते हैं तो ‘वह हमारे मेहमान हैं और सरकार और विपक्ष के बीच कोई मतभेद नहीं होते।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्राध्यक्ष औपचारिक तौर पर विपक्षी नेताओं से मिलते हैं जैसे वो पहले सुषमा स्वराज और अरुण जेटली से मुलाकात करते थे।

 

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