INX मीडिया केस के आरोपी कार्ति चिदंबरम को सीबीआई ने चेन्नई एयरपोर्ट से किया गिरफ्तार

. आईएनएक्स मीडिया केस में आरोपी कार्ति चिदंबरम को सीबीआई ने चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि वो जांच में मदद नहीं कर रहे थे। वे कोर्ट से इजाजत लेकर लंदन गए थे और उनके लौटते ही यह कार्रवाई की गई। कुछ दिन पहले ही उनके सहयोगी और चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्करन को भी गिरफ्तार किया गया था।न्यूज एजेंसी के मुताबिक, यह केस 2006-07 का है। इस संबंध में कार्ति के खिलाफ पिछले साल 15 मई को मामला दर्ज किया गया था।

– उन पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी, रिश्वत लेने और अफसरों को अपने प्रभाव में लेने का आरोप है।

 

– ईडी ने इसी महीने कार्ति चिदंबरम के दिल्ली और चेन्नई स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी।
– ईडी ने 2007 में मुंबई स्थित आईएनएक्स मीडिया (अब 9X मीडिया) के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट में अनियमितताओं के कारण कार्ति चिदंबरम के लिसमन जारी किया था।
– सीबीआई इस मामले की अलग से जांच कर रही है। इस मामले में आईएनएक्स मीडिया के ओनर रहे इंद्राणी और पीटर मुखर्जी को भी जांच के दायरे में लिया है।

– मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला आईएनएक्स मीडिया कंपनी से जुड़ा है। इसकी डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी थी।

– कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के लिए गलत तरीके से फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी प्राप्त की।

– इसके बदले में उन्होंने आईएनएक्स मीडिया से 3.5 करोड़ रुपए की रिश्वत ली।

– आरोप है कि कार्ति ने इंद्राणी की मदद करने में अपने पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया।पी चिदंबरम की क्या भूमिका थी?

– आईएनएक्स मामले में दर्ज एफआईआर में पी चिदंबरम का नाम नहीं है। हालांकि, आरोप है कि उन्होंने 18 मई 2007 की फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की एक मीटिंग में आईएनएक्स मीडिया में 4.62 करोड़ रुपए के फॉरेन इन्वेस्टमेंट को मंजूरी दी थी।

– एयरसेल मैक्सिस डील मामले में भी कार्ति पर गलत तरीके से फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी हासिल करने का आरोप है। इसमें पी चिदंबरम की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

– दरअसल, पी चिदंबरम तब वित्त मंत्री थे। उन्होंने 2006 में 80 करोड़ डॉलर (5206 करोड़ रुपए) की एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी थी, जबकि उन्हें 600 करोड़ रुपए तक की डील को मंजूरी देने का अधिकार था।

– 3500 करोड़ रुपए से ऊपर के इन्वेस्टमेंट की मंजूरी के लिए कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) का अप्रूवल लिया जाना चाहिये था, लेकिन ऐसा नहीं किया।

– मलेशियाई कंपनी मैक्सिस द्वारा एयरसेल में 100 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के मामले में रजामंदी देने को लेकर चिदंबरम पर अनियमितताएं बरतने का आरोप है

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*