कांची मठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का निधन

जयेन्द्र सरस्वती का जन्म 18 जुलाई 1935 को हुआ। शंकराचार्य बनने से पहले उनका नाम सुब्रहमण्यम महादेव अय्यर था। 22 मार्च 1954 को चंद्रशेखेन्द्ररा सरस्वती स्वामीगल ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।

दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में कांचीपुरम नगर में स्थित कांची कामकोटि पीठ 69वें शंकराचार्य थे। उन्हें वेदों का ज्ञाता माना जाता है। सन् 1983 में उन्होंने शंकर विजयेन्द्र सरस्वती को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।

बता दें कि 2004 के बहुचर्चित शंकररमन मर्डर केस में जयेंद्र सरस्वती आरोपी थे। हालांकि नवंबर 2013 में पुडुचेरी की अदालत ने जयेंद्र सरस्वती और उनके भाई विजयेंद्र समेत सभी 23 आरोपियों को बरी कर दिया था। इस मामले में जयेंद्र सरस्वती और विजयेंद्र पर हत्या का आरोप था और उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया था। करीब नौ साल तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद पुडुचेरी के चीफ डिस्ट्रिक्ट ऐंड सेशन जज सीएस मुरुगन इस मामले में फैसला सुनाया था। जज ने कहा था कि गवाह अभियोजन के मामले का समर्थन नहीं कर पाए कि दोनों शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती और विजयेंद्र हत्या की साजिश का हिस्सा थे।

 

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