अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौक़े पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजस्थान के झुंझुनू में ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ अभियान के विस्तार कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को आज से पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ’कार्यक्रम वर्तमान में 161 जिलों में चलाया जा रहा है और प्रधानमंत्री आज इसका विस्तार कर देशभर के 640 जिलों में इसका शुभारंभ किए। इस दौरान प्रधानमंत्री इस योजना की लाभार्थी महिलाओं और बच्चियों से सीधे संवाद भी किए। प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम के लिये देशभर के सर्वश्रेष्ठ जिलों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किए।
A mother-in-law can make a lot of difference. If she says she wants a daughter in the house, then no one will be able to hassle a daughter. We will have to bring in a social revolution: PM Narendra Modi pic.twitter.com/JrKEF6uAZQ
— ANI (@ANI) March 8, 2018
उन्होंने कहा कि अब लोगों को तय करना होगा कि जितने बेटे पैदा होंगे, उतनी ही बेटियां पैदा होंगी. जितना बेटा पढ़ेगा तो उतनी ही बेटी भी पढ़ेगी. इसकी शुरुआत हमें आज से ही करनी चाहिए.
पीएम ने कहा कि अगर घर में सास कह दे कि हमें बेटी चाहिए तो किसी की हिम्मत नहीं है कि बेटी को पैदा होने से रोक दे. बेटियों के जन्म के लिए जागरुकता फैलानी होगी.
Equality between men and women make any society go forward and prosper. Let us resolve that there will be the same number of girls taking birth as the number of boys. Beta beti ek samaan: PM Narendra Modi pic.twitter.com/3cjdQ2FSyu
— ANI (@ANI) March 8, 2018
वहीं पीएम मोदी ने जोर देते हुए कहा कि ‘बेटा-बेटी एक’ भाव के लिए हमें एक सामाजिक और जन आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है। मैं सभी से अपील करूंगा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर जन आंदोलन बनाना होगा, हमें एक सामाजिक आंदोलन खड़ा करना पड़ेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता किसी भी समाज को आगे बढ़ा सकता है और समृद्ध बना सकता है। इसलिए आओ हम सभी संकल्प लेते हैं कि लड़कों जितनी लड़कियां भी जन्म लेंगी। बेटा-बेटी एक समान हैं।
पीएम बोले कि हमारी सरकार के आने के बाद हमने हरियाणा से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को लॉन्च किया. जिसके बाद वहां पर बेटियों के जन्म के अनुपात में काफी सुधार हुआ है. आज देश में बेटियां नाम रोशन कर रही हैं.जो लोग मानते हैं कि बेटा है, बुढ़ापे में काम आएगा तो ये गलत है. मैंने कई बार देखा है कि बेटे आराम की जिंदगी जीते हैं लेकिन मां-बाप वृद्धाश्रम में रहते हैं. पीएम ने बताया कि मैं सोच-विचार कर झुंझुनू आया हूं. झुंझुनू जिले ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान को शानदार तरीके से आगे बढ़ाया है. इसलिए मैं अपने आप को यहां आने से रोक नहीं पाया. बेटी बोझ नहीं, बेटी पूरे परिवार की आन-बान और शान होती हैं.’बेटा-बेटी एक’ भाव के लिए हमें एक सामाजिक और जन आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है.
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