सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए तो वह अपना पद्म भूषण सम्मान सरकार को लौटा देंगे। मोदी सरकार के नीतियों के खिलाफ अन्ना हजारे पिछले 5 दिनों से अनशन पर है। अन्ना हजारे ने रविवार को कहा, “8 या 9 तारीख को मैं मेरे पद्मभूषण पुरस्कार को राष्ट्रपति को वापस करूंगा। समाज और देश सेवा करते हुए यह पुरस्कार आप ने मुझे दिया, लेकिन समाज और देश कि यह हालत होगी, तो मैं किस लिए यह पुरस्कार रखूं। ऐसा मेरा मन मुझे कहता है। मैं किसी के पास मांगने तो नहीं गया था।” उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने लोगों के विश्वास को तोड़ा है।” बता दें कि अन्ना हजारे ने केंद्र में लोकपाल और महाराष्ट्र में लोकायुक्त की तत्काल नियुक्ति और किसानों के मुद्दों के समाधान के लिए बुधवार से अहमदनगर जिले में स्थित अपने पैतृक गांव रालेगण सिद्धि में अनशन पर हैं।
Anna Hazare: I will be returning my Padma Bhushan award to the President. I did not work for that award, you only gave me that while I was working for social cause & the country. If the country or society is in this condition, then why should I keep that? (03.02.19) pic.twitter.com/bch2mmw08o
— ANI (@ANI) February 4, 2019
इससे पहले अन्ना हजारे ने कहा था कि अगर मेरे साथ कुछ हुआ तो लोग पीएम को जिम्मेदार ठहराएंगे। वहीं रविवार को एनडीए गठबंधन में बीजेपी के साथी दल शिव सेना ने अन्ना हजारे की मांगों का समर्थन करने की घोषणा की। शिवसेना ने अन्ना से समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण का अनुसरण करते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व संभालने की अपील की।
इससे पहले अन्ना की मांगों के समर्थन में करीब 110 प्रदर्शनकारियों ने रालेगण सिद्धि से 38 किलोमीटर दूर परनार तहसील क्षेत्र के गांव सूपा में अहमदनगर-पुणे हाईवे पर जाम लगा दिया। दोनों तरफ वाहनों की 6-6 किलोमीटर लंबी लाइन लगने के कई घंटे बाद पुलिस ने किसी तरह यह जाम खुलवाया।
गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने 30 जनवारी को रालेगण सिद्धी में अनशन शुरू किया था। अनशन शुरू करने से पहले अन्ना हजारे ने कहा था, “लोकपाल कानून को बने हुए 5 साल हो गए और नरेंद्र मोदी सरकार 5 साल बाद भी इसे लागू नहीं करा पाई, बार-बार बहानेबाजी करती है। अगर नरेंद्र मोदी सरकार के दिल में इसे लागू कराने का इरादा होता तो क्या पांच साल में यह लागू नहीं होता।”अन्ना ने कहा था, “मेरा अनशन किसी व्यक्ति, पक्ष, पार्टी के विरोध में नहीं है। समाज और देश की भलाई के लिए मैं बार-बार आंदोलन करता आया हूं। उसी प्रकार का यह आंदोलन भी है।” लोकपाल की मांग को लेकर अन्ना हजारे की यह तीसरी भूख हड़ताल है।
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