राफेल डील में एचएएल को बाहर रास्ता दिखाते हुए प्राइवेट एजेंसी रिलायंस को लड़ाकू विमान बनाने का ठेका दे दिया गया। आज इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एचएएल के कर्मचारियों से मिलने पहुंचे हुए हैं।
जहां उन्होंने कहा कि एचएएल मेरे लिए सिर्फ एक कंपनी नहीं है। ये हमारे लिए आज़ादी के बाद मिला तोहफा है।
इस मौके पर एचएएल पूर्व कर्मचारी ने राहुल गांधी से कहा कि ‘हमें अपमानित करके छोड़ दिया गया है। 70 साल के अनुभव वाली एचएएल को राफले समझौते से बाहर फेंक दिया गया है। मुझे समझ नहीं आता। एक बड़ी और अनुभवी कंपनी जिसे सुधारना चाहिए था, आप उसे मार रहे हो।’
उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में पहली बार मैंने सरकार को रोजगार की मांग करने के कार्यक्रम में भाग लेने के खिलाफ एक निर्देश परिपत्र जारी करने को देखा है।
हमारा एचएएल दक्षिण-पूर्वी एशिया में अग्रणी विमानन उद्योग है। क्या आप इस उद्योग को मारना चाहते हैं? यह एक अपमान और चोट है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
राहुल ने कहा कि भारत ने एयरोस्पेस के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए रणनीतिक संपत्तियां बनाईं। आपने जो काम किया है, वह जबरदस्त है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं यहां आपसे यह सुनने के लिए आया हूं कि इस रणनीतिक संपत्ति को और अधिक प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है और आप जिन कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, उनका समाधान कैसे हो सकता है।
राहुल ने एचएएल को देश के विकास में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि जब ओबामा कहते हैं कि अमेरिका को चुनौती देने वाले दो देश हैं- भारत और चीन, तो आप (एचएएल) इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो।
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