पीएम मोदी ने आज कहा कि उज्ज्वला योजना समाज में बदलाव लेकर आयी है। इसके चार करोड़ लाभार्थियों में से 45 फीसदी दलित और आदिवासी हैं। मोदी सरकार की अहम कल्याणकारी इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों तक एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराना है। योजना के लाभार्थियों से बातचीत में उन्होंने उनकी सरकार में दलितों को मिले फायदों की तुलना कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के तहत मिले फायदों से की।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान 2010-14 में दलितों को 445 पेट्रोल पंप मिले जबकि उनकी सरकार में 2014-18 के दौरान उन्हें 1200 से अधिक मिले। मोदी ने कहा, ”जब से लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत लाभ मिलने शुरू हुए तब से समाज में एक बड़ा बदलाव देखा गया। आपको बताते हुए मुझे खुशी हो रही है कि इसके चार करोड़ लाभार्थियों में से 45 फीसदी दलित और आदिवासी हैं। उन्होंने कहा, ”2014 तक 13 करोड़ परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मिले। इसका मतलब है कि छह दशकों तक यह आंकड़ा 13 करोड़ पर पहुंचा। ज्यादातर अमीर लोगों को एलपीजी कनेक्शन मिले। पिछले चार वर्षों में 10 करोड़ नए कनेक्शन दिए गए और गरीबों को लाभ पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब 70 फीसदी गांवों में एलपीजी की पहुंच 100 प्रतिशत है और 81 प्रतिशत गांवों में 75 फीसदी से ज्यादा है।
मोदी ने कहा कि स्वच्छ ईंधन से स्वस्थ भारत का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज योजना के दौरान एक दिन में 11 लाख लोगों को एलपीजी कनेक्शन मिले। इसके लाभार्थियों की सूची में और लोगों के नाम जुड़ रहे हैं। मोदी ने कहा, ”उज्ज्वला योजना ने गरीबों, वंचितों, दलितों, आदिवासी समुदायों की जिंदगियों को सुधारा है। यह पहल सामाजिक सशक्तीकरण में अहम भूमिका निभा रही है। भाषण के बाद मोदी ने योजना के लाभार्थियों से बातचीत भी की। कश्मीर के अनंतनाग में महिलाओं के एक समूह ने उन्हें बताया, ”यह रमजान का महीना है। हम रोज पवित्र कुरान पढ़ते हैं। हम रोज आपके लिए दुआ करते हैं और हम उम्मीद करते हैं कि आप प्रधानमंत्री बने रहेंगे। मोदी ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब वह युवा थे तो उनके कई मुस्लिम पड़ोसी थे। उन्होंने महिलाओं से कहा, ”मेरे कई मित्र मुस्लिम थे। मुझे याद है कि रमजान के दौरान महिलाएं सुबह जल्दी उठती थीं लेकिन उज्ज्वला योजना के आने के बाद यह भी बदला होगा।”
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