गुरुग्राम में सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़ने को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बाद अब हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने इस मसले पर सरकार का रुख का स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि जमीन पर कब्जा करने की नीयत से खुले में नमाज पढ़ना गलत है।
हरियाणा में सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़ने को लेकर पैदा हुए विवाद में बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बाद अब हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने अपना पक्ष स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा, ‘कभी-कभार अगर किसी को (नमाज) पढ़नी पड़ जाती है तो धर्म की आजादी है। लेकिन, किसी जगह को कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ना गलत है। उसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है।’ मालूम हो कि गुरुग्राम में शुक्रवार को (4 मई) कुछ हिंदुवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने नमाज के दौरान बाधा पहुंचाई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पहली बार रविवार (6 मई) को चुप्पी तोड़ी थी। उन्होंने कहा था कि सार्वजनिक जगहों के बजाय नमाज सिर्फ मस्जिद या ईदगाह में ही पढ़ी जानी चाहिए। सीएम खट्टर ने स्पष्ट किया था कि नमाजियों को गुरुग्राम में सड़क किनारे, पार्क और खाली सरकारी जमीनों पर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं है।
Occasionally agar kisi ko padhni pad jaati hai to dharm ki aazaadi hai.Lekin kisi jagah ko kabza karne ki niyat se namaaz padhna galat hai.Uski ijazat nahi di jaa sakti:Haryana Min Anil Vij on CM ML Khattar's statement that Namaz should be read in Mosques/Idgahs,not public spaces pic.twitter.com/hiV3LkcYvs
— ANI (@ANI) May 7, 2018
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने पर सख्त रुख अपना लिया है। उन्होंने कहा था कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सरकार की है। सीएम ने खुले में नमाज पढ़ने का प्रचलन बढ़ने की भी बात कही थी। पिछले महीने 20 अप्रैल को भी गुरुग्राम के सेक्टर-53 में जुमे की नमाज पढ़ने के दौरान बाधा उत्पन्न करने का मामला सामने आया था। इससे जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें नमाज पढ़ने के दौरान आए कुछ लोग ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने लगे और नमाज पढ़ रहे मुस्लिमों को वहां से जाने के लिए भी कहा जा रहा था। पुलिस ने बाद में इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मुस्लिम समुदाय के लोग सरस्वती कुंज के समीप एक मैदान में नमाज पढ़ रहे थे, जब कुछ लोगों ने बाधा पैदा की थी। मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की थी। वीडियो में विवाद बढ़ने के कारण मुस्लिम समुदाय के लोगों को वहां से जाते हुए देखा जा सकता था। इसके बाद स्थानीय पुलिस में इसकी शिकायत दी गई थी। हालांकि, कुछ दिनों बाद सभी आरोपियों को जमानत पर छोड़ दिया गया था। हिंदूवादी संगठनों ने इसको लेकर विरोध प्रदर्शन करने की भी बात कही थी।
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