सुप्रीम कोर्ट का फैसला, सीबीआई नहीं करेगी जज लोया मौत केस की जांच

जज लोया की मौत के मामले में एसआईटी की जांच होगी या नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला दे दिया है। कोर्ट ने इस मामले में याचिका को खारिज करते हुए साफ कहा है कि न्यायपालिका पर शक नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने ये भी कहा कि मामले की सीबीआई जांच नहीं होगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों द्वारा 12 जनवरी को किए गए प्रेस कांफ्रेंस की तात्कालिक वजह लोया केस की सुनवाई के लिए चुनी गई पीठ थी। हालांकि बाद में उस पीठ ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया था और इसके बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई थी।
कई दिनों तक चली हाई-वोल्टेज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर कहा गया कि जज लोया की मौत की निष्पक्ष जांच जरूरी है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा था कि जज लोया मामले में जो कुछ हो रहा है, वह परेशान करने वाला है। एक के बाद एक जज को सजा’ दी जा रही है। उन्होंने कहा पिछले दिनों जज लोया मामले को बांबे हाईकोर्ट को दूसरे जज के पास भेज दिया गया।
उन्होंने कहा था कि जज को इस मामले से इसलिए दूर कर दिया गया क्योंकि उन्होंने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आरोपमुक्त किए जाने के फैसले के खिलाफ अपील न दायर करने को लेकर सीबीआई से सवाल किया था। उन्होंने जस्टिस जयंत एम पटेल के तबादले की भी बात कहीं। जस्टिस पटेल ने इशरत जहां एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।वकील से सामाजिक कार्यकर्ता बने प्रशांत भूषण ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ कांड की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश बी एच लोया की मौत की न्यायिक जांच या विशेष जांच दल द्वारा जांच कराये जाने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि लोया की मौत दिल का दौरा पड़ने से नहीं हुई है जैसा कि सरकारी अधिकारी दावा कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने मांग की कि इसकी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ”मैं याचिका दायर करुंगा और लोया की मौत की न्यायिक जांच या एसआईटी जांच की मांग करुंगा। यदि यह दिल का दौरा नहीं था तब इस बात की जांच होनी चाहिए कि मौत की वजह क्या थी। उन्होंने दावा किया, ”सीबीआई यह जांच नहीं कर सकती है क्योंकि उस पर ढेर सारा सरकारी दबाव होता है। सरकार चाहती है कि इस मामले को तत्काल खारिज कर दिया जाए।
आपको बता दें कि हाईप्रोफोइल सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ कांड की सुनवाई कर रहे लोया की एक दिसंबर, 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई जहां वह अपने एक सहयोगी की बेटी की शादी में गये थे। सुप्रीम कोर्ट फिलहाल उनकी मौत से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

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