कठुआ रेप पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद- आजादी के 70 साल बाद भी ऐसी घटना होना शर्मनाक

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू एवं कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच यहां पहुंचे। वैष्णो देवी यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कठुआ की घटना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुख जताया है. उन्‍होंने कहा है कि कहीं भी, किसी भी राज्य में ये घटना न हो. हम सोचें कि ऐसा समाज कैसे बन रहा है. बच्चों की सुरक्षा राज्य की अहम ज़िम्मेदारी है.

राष्‍ट्रपति ने कहा कि देश के किसी-न-किसी कोने में कहीं-न-कहीं हमारे बच्चे जघन्य अपराधों का शिकार हो रहे हैं. हाल ही में एक मासूम बच्ची ऐसी बर्बरता और निर्मम हत्या का शिकार हुई है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. स्वतन्त्रता के 70 वर्षों के बाद भी देश के किसी भी भाग में ऐसी घटना वास्तव में शर्मनाक है। हम सभी को सोचना होगा कि हम कहां जा रहे हैं? हम कैसा समाज बना रहे हैं? हम अपनी भावी पीढ़ी को क्या दे रहे हैं?

उन्‍होंने कहा कि मैं समझता हूं कि दुनियां में सबसे खूबसूरत चीज है, मासूम बच्चों की मुस्कान और समाज की सबसे बड़ी सफलता है, हमारे बच्चों का सुरक्षित होना. हर बच्चे को सुरक्षा देना और उसे सुरक्षित महसूस कराना किसी भी समाज की पहली ज़िम्मेदारी होती है.

उन्‍होंने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की ओर से सबसे अधिक पदक एक बेटी ने ही हासिल किए हैं। दिल्ली की मनिका बत्रा ने दो स्वर्ण पदकों सहित कुल चार पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है। देश के कोने-कोने में अपने खेल को निखारने वाली बेटियों ने स्वर्ण पदक जीते हैं. मणिपुर से मैरी कॉम, मीराबाई चानू, संजीता चानू; हरियाणा से मनु भाकर, विनेश फोगाट; तेलंगाना से साइना नेहवाल, कर्नाटक से अश्विनी पोनप्पा; महाराष्ट्र से तेजस्विनी सावंत; पंजाब से हीना सिद्धू ने पदक जीते हैं. बिहार से श्रेयसी सिंह और उत्तर प्रदेश से पूनम यादव – स्वर्ण पदक जीतकर बेटियों ने हमें सम्मान दिलाया है.

टिप्पणियां उन्‍होंने कहा कि जब बेटियों की बात करें तो मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती को कैसे भुलाया जा सकता है. अपने पिता मुफ़्ती साहब की सोच और विरासत को आगे बढ़ाते हुए और तमाम मुश्किलात के दौर से निकलते हुए इस कठिन और संवेदनशील प्रदेश को वे एक कुशल नेतृत्व दे रही हैं.

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