बीजिंग के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत उसकी अति महत्वाकांक्षी परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को वह अफगानिस्तान तक बनाने जा रहा है। सोमवार को एक रिपोर्ट में यह बातें कही गई है ।
चीन के बोआओ फोरम फॉर एशिया (बीएफए) एनुअल कॉन्फ्रेंस के इतर बीजिंग में जारी की गई एशियन कंपीटिटिवनेश एनुअल रिपोर्ट 2018 में यह कहा गया कि बीआरआई ने एशिया के आर्थिक सहयोग को उत्साह दिया है और महाद्वीप के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को एक नया आकाक देने में मदद की है।
चीन ने दिसंबर में ही 50 बिलियन डॉलर लागत की इस परियोजना को अफगानिस्तान तक विस्तार किए जाने के बारे में बताया था जो भारत के लिए चिंता की बात है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अपने समकक्षीय के साथ बातचीत में सीपीईसी का अफगानिस्तान तक विस्तार किए जाने का प्रस्ताव दिया था।
वांग यी ने तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा था- “चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को सैद्धांतिक तौर पर आपसी हितों को देखते हुए उसे अफगानिस्तान तक बढ़ाना चाहते हैं ताकि सभी को इसका फायदा मिल सके।” बीएफए का गठन साल 2001 में दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम के इतर चीन की ओर से किया गया था जिसकी हर वर्ष बैठक होती है। इस वर्ष का फोरम दक्षिण हैनान द्वीप के बोआओ में 11 अप्रैल तक चलेगा।
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