एक निजी मार्केटिंग कंपनी द्वारा 5.6 लाख से ज्यादा भारतीय फेसबुक उपभोक्ताओं के निजी डाटा से समझौता किया गया। इस निजी मार्केटिंग कंपनी ने बाद में निजी जानकारियों को कैंब्रिज एनालिटिका को बेच दिया। कैंब्रिज एनालिटिका ब्रिटेन स्थित एक कंपनी है जो वैश्विक गोपनीयता उल्लंघन में फंसी है। सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने गुरुवार को भारत सरकार को समझौता किए गए एकाउंट के बारे में सूचित किया।
सोशल मीडिया कंपनी यह सूचना उपभोक्ता डाटा में सेंधमारी को लेकर दी गई नोटिस और फेसबुक से सुरक्षा सुनिश्चित करने और निजी डाटा का दुरुपयोग रोकने को लेकर उठाए जा रहे कदमों की जानकारी को लेकर दी है। फेसबुक के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा कि भारत में 335 फेसबुक उपभोक्ताओं द्वारा एक क्विज एप ‘दिसइजयोरडिजिटललाइफ’ नवंबर 2०13 से दिसंबर 2०15 के बीच इंस्टाल करने के बाद 562,455 उपभोक्ताओं के डाटा में सेंधमारी हुई।
निजी मार्केटिंग कंपनी ने लोगों की जानकारियां एक क्विज एप से जुटाईं थीं। यह प्रतिक्रिया फेसबुक के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी माइक श्रोएफर के एक ब्लॉग पोस्ट में यह कहे जाने के बाद आई है कि डाटा में सेंधमारी से लोगों का कंपनी पर से विश्वास टूटा है। श्रोएफर ने लिखा कि हमारा मानना है कि फेसबुक का अमेरिका के कुल 8.7 करोड़ से ज्यादा लोगों का डाटा कैंब्रिज एनालिटिका के साथ अनुचित तरीके से साझा किया गया।इस एप को कैंब्रिज विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान के शोधकर्ता एलेक्सेंडर कोगन और उनकी कंपनी ग्लोबल साइंस रिसर्च ने विकसित किया था। इस एप ने न सिर्फ उपभोक्ताओं बल्कि उनके दोस्तों के साथ दोस्तों के दोस्तों का डाटा भी निकाल लिया था। भारत में 335 लोगों ने इस एप को इंस्टाल किया था, जो कि दुनिया भर में इंस्टाल किए गए का 0.1 फीसदी था। लेकिन यह सूचना एप को इंस्टाल करने वाले लोगों तक सीमित थी, जिहोंने इसे 2013 से दिसंबर 2015 इंस्टाल किया था।
उन्होंने कहा कि हमें बाद में पता चला कि भारत में इससे 562,120 अतिरिक्त लोग भी प्रभावित हुए हैं, जिसमें एप को इंस्टाल करने वाले के दोस्त भी शामिल हैं। इस तरह भारत में इससे प्रभावित होने वालों की संभावित कुल संख्या 562,455 हो जाती है। हालांकि, सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी ने इन 335 उपभोक्ताओं की पहचान या जगह का खुलासा नहीं किया। फेसबुक सोमवार 9 अप्रैल से सभी 562,455 उपभोक्ताओं के खातों की निजता के उल्लंघन को लेकर उनके न्यूज फीड के शीर्ष पर एक लिंक दिखाएगी, ताकि वे देख सकें कि वे किन एपों का इस्तेमाल करते हैं और इन एपों के जरिए साझा होने वाली सूचना को जान सकते हैं।
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