जाने- ई-वे बिल क्या है? क्या- क्या होता है ई-वे बिल में

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) काउंसिल ने शनिवार को ने 26वीं बैठक में कुछ अहम फैसले लिए है । काउंसिल के फैसलों के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राज्यों के बीच सामान की आवाजाही के लिए जरूरी ई-वे बिल को 1 अप्रैल 2018 से लागू कर दिया जाएगा। हालांकि एक ही राज्य के भीतर एक जगह से दूसरी जगह पर सामान की आवाजाही के लिए ई-वे बिल को क्रमबद्ध तरीके से 15 अप्रैल से लागू किया जाना शुरू किया जाएगा और 1 जून तक यह सभी राज्यों में लागू कर दिया जाएगा।

क्या है ई-वे बिल: अगर किसी वस्तु का एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर राज्य के भीतर मूवमेंट होता है तो सप्लायर को ई-वे बिल जनरेट करना होगा। अहम बात यह है कि सप्लायर के लिए यह बिल उन वस्तुओं के पारगमन (ट्रांजिट) के लिए भी बनाना जरूरी होगा जो जीएसटी के दायरे में नहीं आती हैं।

क्या होता है ई-वे बिल में: इस बिल में सप्लायर, ट्रांसपोर्ट और ग्राही (Recipients) की डिटेल दी जाती है। अगर जिस गुड्स का मूवमेंट एक राज्य से दूसरे राज्य या फिर एक ही राज्य के भीतर हो रहा है और उसकी कीमत 50,000 रुपए से ज्यादा है तो सप्लायर (आपूर्तिकर्ता) को इसकी जानकरी जीएसटीएन पोर्टल में दर्ज करानी होगी।

ई-वे बिल, दरअसल एक प्रकार का Electronic Bill यानी कम्प्यूटर पर बना बिल होता है। GST System में, किसी माल को एक जगह से दूसरी जगह भेजने पर, उसके लिए Online Bill भी तैयार करना होगा। ये बिली जीएसटी पोर्टल पर भी दर्ज हो जाएगा।इसी Online Bill को E-Way Bill कहते हैं।

दरअसल, GST सिस्टम लागू होने के पहले Sales Tax या राज्यों के VAT सिस्टम में भी इस तरह की व्यवस्था लागू रही है। पुरानी टैक्स व्यवस्थाओं में भी माल परिवहन के लिए कागज पर Bill बनता रहा है। पहले जो Bill कागज पर बनता था, अब वह कम्प्यूटर पर यानी Electronically बनेगा। उसके बाद इसे GST के नेटवर्क पर Upload कर दिया जाएगा।

पुरानी व्यवस्था में जो कागज पर बिल बनाया जाता रहा है, उसे हम Road Permit के नाम से जानते रहे हैं। अब GST लागू होने के बाद यही पुराना रोड परमिट E-Way Bill के रूप में लागू हो जाएगा।

कारोबारियों के लिए निराशा, 1 अप्रैल से लागू होगा ई-वे बिल

 

कौन जारी कर सकेगा ई-वे बिल(Who Will Issue E-Way Bill)

दो कारोबारियों के बीच सौदा होने की स्थितियों में उसे दो तरह से भेजने के विकल्प हो सकते हैं।

पहला, माल को उसके Supplier या उसके Reciever के खुद के वाहन में भेजा रहा हो।
दूसरा, माल को किसी तीसरी पक्ष, यानी की Transport के माध्यम से भेजा जा रहा हो।
दोनों अलग-अलग स्थितियों में E-Way Bill जारी करने की जिम्मेदारी इस प्रकार होगी।

GST में रजिस्टर्ड कोई Supplier या या उसे प्राप्त करने वाला कारोबारी (Recipient), अगर अपने खुद के वाहन में माल ले जा रहा है तो उन्हीं में से किसी एक को E-Way Bill जारी करना होगा। इसमें भी पहली जिम्मेदारी माल के Supplier की बनती है। माल रवाना करने से पहले GST Common Portal पर जाकर वे इस प्रक्रिया को पूरी कर सकते हैं।
अगर माल को Transporter के माध्यम से भेजा जा रहा है तो फिर माल को Transporter को सौंपने से पहले ही उसके Supplier या Reciever ई-वे बिल जारी कर सकेंगे। अगर Supplier या Reciever ने ई-वे बिल जारी नहीं किया है तो माल रवाना करने के पहले ही Transporter को खुद ई-वे बिल जारी करना होगा। हालांकि, इसमें भी कुछ जानकारी Supply करने वाले और Recieve करने वाले की ओर से भरी जाएगी।
कुल मिलाकर, माल का Movement शुरू होने के पहले ही E-Way Bill जारी कर दिया जाना है। चाहे कारोबारी खुद उसे जारी करके माल भेजें, या फिर Transportar माल ले जाने के पहले उसे जारी करे।


ई-वे बिल की चेकिंग की प्रक्रिया और अधिकार

  • माल ले जाने वाले को या transporter  को या फिर उनके Representative को कागजी बिल या Dilivery Challan ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हां, माल की Supply या उनके डिस्ट्रीब्यूशन संबंधित Challan और उनके साथ E-Way Bill या E-Way Bill Number की एक फोटोकॉपी रखनी होगी। ये E-Way Bill Number एक Radio Frequency Identification Device के साथ Link हो जाता है।
  • उधर Tax विभाग के अधिकारी, माल परिवहन के चेकिंग स्थलों पर भी Radio Frequency Identification Device readers इंस्टाल करवा देंगे। जब भी वाहन यहां से गुजरेगा, इस नंबर को Device के पास ले जाने पर अपने आप उसकी सारी जानकारी Computer पर Show करने लगेगी। E-Way Bill के माध्यम से ही जीएसटी अधिकारी Transport किये गए माल के बारे में यह सुनिश्चित करें सकेंगे कि उस माल पर उचित तरीके से GST  लगाया गया है कि नहीं।
  • E-Way Bill के नियमों के मुताबिक, Tax Commissioner या उसकी ओर से अधिकृत Officer को माल के Transport होने के दौरान कहीं भी उसकी जांच करने का अधिकार होगा। वाहन चालक या माल ले जाने वाले को अपने E-Bill की फोटो कॉपी या Electronic कॉपी दिखानी होगी।
  • किसी दिन के E-way Bill की जांच के बाद उस अधिकारी को एक दिन के अंदर, Checking संबंधी डिटेल की समरी प्रस्तुत करनी होगी। इसके बाद 3 दिन के भीतर उसकी Final Report भी भेजनी होगी।


कितने समय तक के लिए मान्य होगा ई-वे ​बिल

  • अगर किसी माल का Transport 100 किलोमीटर तक होना है तो उसके लिए बना E-Way Bill सिर्फ 1 दिन तक के लिए मान्य होगा।
  • जिस माल का Transport 100 से 300 किलोमीटर के बीच होना है उसका E-Way Bill 3 दिन तक के लिए मान्य होगा।
  • जिस माल का Transport 300 से 500 किलोमीटर के बीच होना होगा, उसका E-Way Bill 10 दिन तक के लिए मान्य होगा।
  • जिस माल का Transport 1000 किलोमीटर से अधिक होना होगा, उसका E-Way Bill  15 दिन तक के लिए मान्य होगा।

Note1: किसी एक राज्य के भीतर अगर 10 किलोमीटर के दायरे में माल भेजा जा रहा है तो उसके लिए E-Way Bill बनाने की जरूरत नहीं होगी।

Note2: E-Way Bill की वैधता वाली समय सीमा के अंदर माल की ढुलाई (Transport) पूरी करना आवश्यक होगा। किसी कारणवश ऐसा नहीं हो पाता है तो फिर से E-Way Bill बनवाना होगा।

 

ई-वे बिल को कैंसल करने की सुविधा

ई-वे बिल बन जाने के बाद, किसी बदलाव की स्थिति में SMS के जरिये उसे Cancell कैंसल कराया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर SMS की मदद से दूसरा E-Way Bill भी बनवाया जा सकता है।

 

 

ई-वे बिल से बाहर रखे गए सामान

सरकार ने कई सामानों को E-Way Bill से बाहर रखा है। भले ही उनकी खेप E-Way Bill के लिए निर्धारित कीमत सीमा 50 हजार से अधिक हो। इनमें LPG, केरोसिन, करेंसी, न्यूज पेपर, Judicial और Non Judicial स्टांप पेपर, पूजा सामग्री, काजल, दिए, ज्वेलरी, खादी, Raw Silk, Indian Flag, Municipal Waste वगैरह शामिल हैं।

इनके अलावा Non Motor Convenience, पोर्ट से Transport होने वाले सामान, एयरपोर्ट, Airport Cargo Complex और Land Custom Station के लिए भेजने या लेकर आने वाले सामान के लिए भी E Way Bill बनाना जरूरी होगा।

ई-वे बिल का फायदा

E- Way Bill सिस्टम लागू होने से सरकार, टैक्स प्रशासन और कारोबारी वर्ग, तीनों को सहूलियत रहेगी।

  • कारोबार का ज्यादा हिस्सा Tax की जद में आ जाने से सरकार को, ज्यादा मात्रा में Tax मिलेगा। राष्ट्रीय स्तर पर यह System लागू होने के बाद हर राज्य में एक जैसे नियम लागू हो जाएंगे। इससे एक राज्य से दूसरे राज्यों के बीच माल के आवागमन (Transport) में सहूलियत रहेगी।  साथ ही पारदर्शिता (Transparency) और निष्पक्षता के साथ साथ माल ट्रांसपोर्ट ज्यादा तेज गति से होगा। इससे कारोबारी माहौल को तेजी से Develop करने में मदद मिलेगी।
  • सरकार को Tax System  पर नजर रखने में आसानी रहेगी। Tax Department के अधिकारी Transport से भेजे जा रहे माल की कहीं भी Checking कर सकेंगे। टैक्स अधिकारी के पास भी GST नेटवर्क से जुड़ी Machine होगी, जो उस E-Way Bill से जुड़ी जानकारी को Verify कर सकेगी। माल भेजने के पहले ही E-Way Bill बनने से Tax Administration को टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी।
  • E-Way Bill के आॅनलाइन मौजूद होने से कारोबारियों या Transporters को उसके खोने या नष्ट हो जाने की चिंता नहीं रहेगी। GST Network पर पूरा​ डिटेल मौजूद होने से, उसे कभी भी कहीें भी Online देखा और दिखाया जा सकता है। कारोबारियों और Tax Department के कर्मचारियों में मिलीभगत और मनमानी की गुंजाइश पर भी लगाम लगेगी।

 

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*