बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य ने उद्योगपति गौतम अडानी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने अडानी ग्रुप के प्रमुख पर सबसे बड़ा नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) बकाएदार होने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि गौतम अडानी को इसके लिए जवाबदेह बनाया जाए या फिर वह जनहित याचिका दायर करेंगे। स्वामी ने ट्वीट कर गौतम अडानी को कठघरे में खड़ा कर दिया है। गौतम अडानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। बता दें कि अडानी की कंपनियों पर हजारों करोड़ रुपये का बैंक कर्ज होने की बात कही जाती है। इनमें विद्युत संयंत्र एवं वितरण, रियल एस्टेट और अन्य क्षेत्र के उद्योग शामिल हैं। ‘ब्लूमबर्ग’ के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2017 तक अडानी पॉवर पर कुल 47,609.43 करोड़ रुपये, अडानी ट्रांसमिशन पर 8,356.07 करोड़ रुपये, अडानी एंट पर 22,424.44 करोड़ रुपये और अडानी पोर्ट्स पर 20,791.15 करोड़ रुपये का कर्ज था। फोर्ब्स के अनुसार, 2017 में अडानी और उनके परिवार की कुल अनुमानित संपत्ति 11 अरब डॉलर थी। इसके साथ ही वे भारत के सबसे अमीर लोगों की सूची में दसवें स्थान पर थे
भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि गौतम अडानी को जिम्मेदार न ठहराए जाने पर जनहित याचिका दायर की जाएगी। अडानी ग्रुप ने बयान जारी कर कहा कि कर्ज से जुड़ी सभी जिम्मेदारी कर्मठता से पूरी की जायेगी
सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट के बाद अडानी ग्रुप ने बयान जारी कर आरोपों को सिरे से खारिज किया है। कंपनी ने कहा, ‘कर्ज को लेकर सबसे महत्वपूर्ण परख नियमित सर्विसिंग होती है…यह ऐसी प्रक्रिया है जिसे अडानी ग्रुप स्थापना के समय से ही पूरी कर्मठता से करता आ रहा है। कंपनी लांग टर्म लोन के लिए सरकारी बैंकों पर 50 फीसद से भी कम निर्भर है। ग्रुप पर तकरीबन 34,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिससे जुड़े दायित्वों को नियमित तौर पर पूरा किया जाता है। अडानी ग्रुप ने विश्वस्तरीय एसेट्स तैयार किए हैं। भारत में इसका कुल मूल्य 1,10,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का है। इस ग्रुप ने पिछले दो दशक में पोर्ट और लॉजिस्टिक्स, पॉवर जेनरेशन, पॉवर ट्रांसमिशन, एग्री बिजनेस, माइनिंग और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में विश्वस्तारीय प्रोजेक्ट तैयार किए हैं।’ अडानी ग्रुप ने अपने बयान में कहा कि समूह की कंपनियां 11 हजार से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर मुहैया करा रही है। इसके अलावा सरकारी खजाने और देश की अर्थव्यवस्था में भी उल्लेखनीय योगदान कर रही है।
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