आइटम सॉन्ग महिलाओं का पुरुषों के सामने सरेंडर करने जैसा होता है – शबाना आजमी

दिग्गज बॉलीवुड अदाकारा शबाना आजमी ने फिल्मों में आइटम सॉन्ग के चलन की जबरदस्त आलोचना की है. उनका मानना है कि महिलाओं के पुरुषों के सामने आत्मसमर्पण करने का यह एक सटीक उदाहरण है.

उन्होंने कहा, कुछ लोगों के लिए आइटम सॉन्ग महिलाओं की सेंसुअलिटी का जश्न मनाने जैसा है. लेकिन मेरे लिए यह महिलाओं के पुरुषों के सामने सरेंडर करने के बराबर है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब एक्ट्रेस ने आइटम सॉन्ग की आलोचना की हो.सोमवार को फिक्की फ्रेम्स 2018 के सेशन ”Against All Odds: Women leaders revisit their journey” के दौरान उन्होंने आइटम सॉन्ग पर अपने विचार व्यक्त किए.

उन्होंने कहा, ये गाने स्क्रिप्ट का हिस्सा नहीं होते. आइटम सॉन्ग को फिल्मों में सिर्फ दर्शकों को रिझाने के लिए डाला जाता है. जब एक लड़की और लीडिंग लेडी कहती हैं कि मुझे आइटम सॉन्ग से दिक्कत नहीं है और सेंसुअल एक्ट से परहेज नहीं है. मुझे लगता है यह बहुत अद्भुत है. लेकिन अपनी सेंसुअलिटी का जश्न मनाने के चक्कर में आप असल में पुरुषों के सामने सरेंडर कर रहे हो और खुद का प्रदर्शन कर रहे हो. बता दें, शबाना आजमी ने करीना कपूर के आइटम सॉन्ग ‘फेवीकॉल से’ पर भी निशाना साधा था. उन्होंने कहा, जब 4 साल की लड़की इस गाने के अभद्र बोल पर डांस करती हैं, ऐसे में आप बच्चों के सेक्सुलाइजेशन को बढ़ावा दे रहे हैं. जो लोग उसे प्रोत्साहित कर रहे हैं वह खुद भी जिम्मेदार हैं.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*