मशहूर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर बीजेपी खेमे में लौट सकते हैं. 2019 की चुनावी तैयारियों के मद्देनजर इसकी संभावना जताई जा रही है. मीडिया रिपोर्टों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रशांत किशोर अर्से से एक-दूसरे के संपर्क में हैं. 2014 में बीजेपी की बंपर जीत का श्रेय किशोर को भी जाता है.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि किशोर और पीएम मोदी कई बार मिल चुके हैं और 2019 चुनाव में फिर साथ आने पर चर्चा हुई है. ऐसा माना जाता है कि 2014 की जीत के बाद अमित शाह और किशोर के बीच मतभेद उभर आए थे. उसके बाद किशोर ने बीजेपी से नाता तोड़ने का फैसला किया था.
2014 लोकसभा चुनाव के बाद अचानक सुर्खियों में आए प्रशांत किशोर इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी नाम का संगठन चलाते हैं. यह संगठन लीडरशिप, सियासी रणनीति, मैसेज कैंपेन और भाषणों की ब्रांडिंग करता है.
अबकी किशोर अगर बीजेपी में लौटते हैं तो वे सीधा पीएम मोदी के नेतृत्व में काम करेंगे.
नीतीश के साथ कर चुके हैं काम
बीजेपी से नाता टूटने के बाद किशोर बिहार में नीतीश कुमार से जुड़ गए और 2015 में भारी मतों से जीत दिलाई. उसके बाद वे कांग्रेस के पाले में चले गए और यूपी व पंजाब चुनाव के प्रभारी बने. पंजाब में कांग्रेस की जीत तो हुई लेकिन यूपी में बड़ी हार झेलनी पड़ी.
यूपी में पराजय से नाराज कांग्रेस ने किशोर से आगे कोई नाता न रखने का फैसला किया. गुजरात चुनाव में कोई मदद भी नहीं ली. तब कांग्रेस ने कहा बताते हैं कि पार्टी वैसे किसी व्यक्ति को ‘आउटसोर्स’ नहीं करेगी जो कांग्रेस के कामकाज के प्रति निष्ठावान न हो. यूपी चुनाव के वक्त किशोर का कांग्रेस के साथ जाना और पार्टी की हार एक बड़ी सियासी घटना उभर कर सामने आई थी.
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