‘शर्मनाक भाषण के लिए मोदी पर 72 साल का बैन लगना चाहिए’

चुनाव आयोग (ईसी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के मामले में आज यानी मंगलवार (30 अप्रैल) को फैसला करेगा। निर्वाचन उपायुक्त चंद्रभूषण कुमार ने सोमवार को मीडिया से कहा, “दो राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की कथित शिकायतों के संदर्भ में आयोग ने सभी जानकारियां जुटा ली हैं और हर मुद्दे पर कोई निर्णय लेने के लिए मंगलवार सुबह एक बैठक प्रस्तावित है।”

इस बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मांगी की है कि प्रधानमंत्री मोदी पर शर्मनाक भाषण के लिए 72 साल का प्रतिबंध लगना चाहिए। अखिलेश ने ट्वीट कर लिखा, “‘विकास’ पूछ रहा है: प्रधान जी का शर्मनाक भाषण सुना क्या? “सवा सौ करोड़” देशवासियों का भरोसा खोकर अब वो बंगाल के 40 विधायकों के तथाकथित दल-बदल के अनैतिक भरोसे तक सिमट गये हैं. ये वो नहीं काले धन की मानसिकता बोल रही है. इसके लिए उन पर 72 घंटे नहीं बल्कि 72 साल का बैन लगना चाहिए.”

बता दें कि चुनाव आयोग ने आज सुनवाई के लिए तब घोषणा की, जब सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव द्वारा दायर की गई अर्जी मंजूर करते हुए मंगलवार को सुनवाई की बात कही। सुष्मिता देव ने पीएम मोदी और शाह पर आचार संहिता के उल्लंघन के लिए चुनाव आयोग को सुनवाई का निर्देश देने की अर्जी दी थी। दोनों पर नफरतभरे भाषण और सेना को ‘राजनीतिक प्रचार’ के लिए इस्तेमाल करने के आरोप हैं।

कांग्रेस ने दावा किया कि दोनों नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान सैन्य अभियानों का प्रचार के रूप में इस्तेमाल किया है, लेकिन चुनाव आयोग ने विभिन्न शिकायतों के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की। शिकायत में पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के मामले को लेकर कार्रवाई की मांग की गई है। याचिकाकर्ता कांग्रेस की महिला विंग की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को बीजेपी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दे।

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