दिल्ली में 14,000 पेड़ काटने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। लोगों के विरोध और अदालत में दायर याचिका के बाद हाईकोर्ट ने इन्हें काटने पर फिलहाल रोक लगा दी है। लेकिन, अब खबर ये आ रही है कि दिल्ली के दूसरे इलाकों में पुनर्निर्माण कार्यों और कुछ इलाकों में रोड चौड़ी करने के लिए 2000 पेड़ काटे जा रहे हैं।
सेंट्रल दिल्ली का सुंदर नगर इलाका, जहां कभी ढेरों पेड़ हुआ करते थे अब कुछ नहीं बचा है। पुनर्निमाण कार्य के चलते वहां के पेड़ों को काट दिया गया है। दिल्ली सरकार के वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि हमें सुंदर नगर के 82 पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी।
अधिकारियों ने कहा किं पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट की तरफ से 777 करोड़ रुपए का प्लान दिया गया है। इसमें सुरंगों को ढकना, पुलों का निर्माण, लूप, रैंप और लैंडस्केपिंग के पुनर्निर्माण का काम भी शामिल है। इसके चलते दिल्ली में करीब 1,500 पेड़ों को काटना पड़ेगा।
इस निर्माण कार्य के चलते मथुरा रोड से पुराने किले रोड की तरफ मौजूद पेड़ों की भी कटाई की जाएगी। इसमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसादिया के घर के पास लगे पेड़ भी शामिल हैं। यहां से गुजरने वाली परमिंदर संधू नाम की एक यात्री का कहना है कि दिल्ली वैसे ही दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है और अगर दिल्ली से इतनी बड़ी संख्या में पेड़ काट दिए गए तो ये हमारी आने वाली पीड़ी के लिए बहुत खतरनाक होगा। गौरतलब है कि आवासीय परियोजना के लिए दक्षिणी दिल्ली के सरोजनी नगर, नैरोजी नगर, नेताजी नगर, त्यागराज नगर, मोहम्मदपुर और कस्तूरबा नगर जैसी पॉश कॉलोनियों में 14000 पेड़ों को काटे जाने को लेकर विवाद चल रहा है। लोगों के विरोध और अदालत में दायर याचिका के बाद हाईकोर्ट ने इन्हें काटने पर फिलहाल रोक लगा दी है। इस मामले पर 4 जुलाई को सुनवाई होनी है।
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