रूस दौरे पर PM मोदी: राष्ट्रपति पुतिन के साथ सोची में उठाया बोटिंग का मज़ा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को सोची में बोचारेव क्रीक से ओलंपिक पार्क के बीच नौका विहार किया। इससे पहले दोनों नेताओं ने अनौपचारिक सम्मेलन किया। दोनों नेता अपने पहले अनौपचारिक सम्मेलन के लिए काला सागर के तट पर स्थित इस शहर में हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘काला सागर में नौका विहार! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने सोची में बोचारेव क्रीक से ओलंपिक पार्क के बीच नाव पर सफर के दौरान विस्तृत चर्चा की।’ बता दें, मोदी ने रूस के राष्ट्रपति के साथ अपनी चर्चा के दौरान दोनों ‘रणनीतिक साझीदारों’ के बीच के मजबूत रिश्ते को रेखांकित किया। मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी अब एक ‘विशिष्ट विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ में बदल गयी है जो एक ‘बहुत बड़ी उपलब्धि’ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और रूस लम्बे समय से मित्र हैं और उनके बीच एक अटूट दोस्ती है। उन्होंने कहा, ‘मैं राष्ट्रपति पुतिन का आभारी हूं जिन्होंने मुझे अनौपचारिक बैठक के लिए आमंत्रित किया और इसलिए, हमारी लंबी दोस्ती में, यह एक नया पहलू है जो हमारे संबंध से जुड़ा हुआ है। आपने द्विपक्षीय संबंधों में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन का एक नया पहलू जोड़ा है जो मुझे लगता है कि एक महान अवसर है और विश्वास पैदा करता है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ रूस की अपनी पहली यात्रा को याद किया और कहा कि पुतिन दुनिया के पहले नेता थे, जिनसे वह गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद मिले थे। मोदी ने कहा, ‘मेरे राजनीतिक करियर में भी, रूस और आप (पुतिन) बहुत महत्वपूर्ण हैं… गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में, एक विदेशी नेता के साथ यह मेरी पहली बैठक थी। इसलिए, मेरे अंतरराष्ट्रीय संबंधों की शुरुआत आप से और रूस से हुई। इसके 18 वर्षों बाद मुझे कई मुद्दों पर विचार विमर्श करने के लिए आप से मिलने के कई अवसर मिले और मैंने भारत तथा रूस संबंध आगे ले जाने के प्रयास किये।’
साथ ही उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी और राष्ट्रपति पुतिन ने ‘रणनीतिक साझेदारी’ के जो बीज बोये थे, वे अब ‘विशिष्ट विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ में बदल गये हैं जो अपने आप में एक ‘बहुत बड़ी उपलब्धि’ है।
मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन में स्थाई सदस्यता दिलाने में भारत की मदद में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए रूस को धन्यवाद दिया। शंघाई सहयोग संगठन में आठ देश सदस्य हैं जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सैन्य और आर्थिक सहयोग करना है। भारत और पाकिस्तान पिछले वर्ष इस संगठन में शामिल हुए थे। मोदी ने कहा, ‘हम अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (आईएनएसटीसी) और ब्रिक्स पर एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं।’

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