लंदन. यूरोप में बर्फीले तूफान ने भारी तबाही मचाई है। झील, नदियां और समुद्र के किनारे जम गए हैं। सड़कों पर बर्फ की चादर बिछी है। ट्रेनें भी आगे नहीं जा पा रही हैं। यूरोपीय देश आर्कटिक से भी ज्यादा ठंडे हो गए हैं। 15 से ज्यादा देशों में पारा आर्कटिक (माइनस 20 डिग्री सेल्सियस) से नीचे चला गया है। बर्फीले तूफान से कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई। 2 दिन में 300 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल की गई हैं।- ब्रिटेन में तापमान माइनस 23 डिग्री तक रहा। यह 55 साल में सबसे ज्यादा कम है। दो दिन से स्कूल बंद हैं। सड़कों पर हजारों लोग फंसे हैं। स्कॉटलैंड में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
– इटली के नेपल्स में बर्फबारी ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। राजधानी रोम में 32 साल में दूसरी बार बर्फ गिरी है।
– पोलैंड में सर्दी से इस सीजन में 50 से ज्यादा मौतें हुई हैं। 8 मौतें बुधवार को हुईं। सड़कों पर फंसे लोगों को निकालने और बर्फ हटाने के लिए सेना को तैनात किया गया है रूस में नदी-झीलें जम गए है । समुद्री तट भी जम गए हैं। मॉस्को में तापमान माइनस 21 डिग्री रहा। यह सीजन में सबसे कम है।
– आर्कटिक में अभी औसत तापमान माइनस 20 डिग्री है। यहां लो प्रेशर जोन बनने से धरती के ध्रुवों से ठंडी हवाएं यूरोप की तरफ बह रही हैं। इस स्थिति को आर्कटिक ब्लास्ट कहा जाता है।
– अमेरिका के मिशिगन की ग्रेट लेक जमने के बाद ब्लू आइस में बदल गई है। झील से 30 फीट ऊपर तक ब्लू आइस बिछी हुई है।
– एक्सपर्ट के मुताबिक, यह दुर्लभ प्राकृतिक घटना है। साफ पानी की झील में बर्फ जमने के बाद जब इसमें सूरज की रोशनी पड़ती है तो उसका रिफलेक्शन पानी की सतह पर बनी बर्फ पर दिखता है। ये रिफलेक्शन ही नीले रंग का होता है।
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