‘ठीक से काम नहीं कर रहा चुनाव आयोग’, 66 रिटायर्ड ब्‍यूरोक्रेट्स ने राष्‍ट्रपति से की शिकायत

पत्र में कहा गया है कि “चुनाव आयोग की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और इसकी दक्षता के साथ आज समझौता किया जा रहा है, जो कि देश में मतदान प्रक्रिया की अखंडता और भारतीय लोकतंत्र की नींव है।

देश के 66 पूर्व नौकरशाह अधिकारियों ने चुनाव आयोग के कामकाज पर सवाल उठाए हैं। इन रिटायर्ड अधिकारियों ने चुनाव आयोग की कार्यशैली से नाराजगी जाहिर करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। पत्र में रिटायर्ड अधिकारियों ने राजनेताओं द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन किए जाने का उल्लेख किया और लिखा कि चुनाव आयोग इससे निपटने में नाकामयाब रहा है। 66 पूर्व नौकरशाह अधिकारियों ने पत्र में नेताओं द्वारा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने की कई घटनाओं का उल्लेख भी किया है, जिसमें पीएम मोदी द्वारा ASAT लॉन्चिंग के मौके पर देश के नाम संबोधन भी शामिल है।

इसके अलावा इस पत्र में आचार संहिता लागू होने के बावजूद पीएम मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म, एक वेब सीरीज को लॉन्च किए जाने, नमो टीवी के प्रसारण और प्रधानमंत्री और अन्य भाजपा नेताओं द्वारा दिए जा रहे भड़काऊ बयानों का भी जिक्र किया गया है। पत्र में कहा गया है कि “चुनाव आयोग की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और इसकी दक्षता के साथ आज समझौता किया जा रहा है, जो कि देश में मतदान प्रक्रिया की अखंडता और भारतीय लोकतंत्र की नींव है। हम इस बात से व्यथित हैं कि केन्द्र में सत्ताधारी पार्टी द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता का दुरुपयोग और उसकी स्पष्ट अवहेलना की जा रही है, और चुनाव आयोग द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।” बता दें कि इस पत्र को लिखने वाले लोगों में पूर्व आईपीएस अधिकारी जूलियो रिबेरो, पूर्व विदेश सचिव शिव शंकर मेनन और दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग का नाम शामिल है।

इनके अलावा ट्राई के पूर्व चेयरमैन राहुल खुल्लर, पूर्व स्वास्थ्य सचिव केशव देसीराजू, प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार और पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरान बोरवंकर आदि के भी इस पत्र में हस्ताक्षर हैं। बता दें कि देश में इस वक्त चुनाव आचार संहिता लागू है, लेकिन नेताओं द्वारा इसका जमकर उल्लंघन किया जा रहा है। बीते दिनों पीएम मोदी ने एंटी सैटेलाइट वेपन की लॉन्चिंग पर चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद देश को संबोधित किया था। विपक्षी पार्टियों द्वारा इस पर सवाल खड़े किए जाने के बाद चुनाव आयोग ने इस पर नोटिस भी लिया था, लेकिन जांच के बाद पीएम को क्लीन चिट दे दी थी।

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