पूर्व सीएम रमन सिंह के दामाद ने किया 50 करोड़ का गबन! सरकारी पैनल ने सौंपी रिपोर्ट

हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव हारने वाली भाजपा की मुश्किलें राज्य में लगातार बढ़ती जा रही है। कांग्रेस की बघेल सरकार ने अब पूर्व सीएम रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दरअसल सीनियर सरकारी अधिकारियों के तीन सदस्यों के जांच पैनल ने रायपुर के दाऊ कल्याण सिंह (DKS) सरकारी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं को देखते हुए, बिना आधिकारिक अनुमोदन, ओवरस्पीडिंग और झूठी ऑडिट रिपोर्ट पेश कर करोड़ों के व्यय का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। यह रिपोर्ट 18 पन्नों की उस रिपोर्ट पर आधारित है जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले सप्ताह भाजपा नेता और तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद डॉ पुनीत गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

पुनीत गुप्ता जनवरी 2016 से जनवरी 2019 तक डीकेएस हॉस्पिटल के अक्षीक्षक के रूप में किया। हालांकि कांग्रेस ने जब उन्हें बाहर किया तो बाद में उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि पुलिस ने 16 मार्च को गुप्ता पर 50 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता (गबन) का आरोप लगाया और उनके खिलाफ आपराधिक साजिश, जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया। केस नए डीकेएस अक्षीक्षक डॉक्टर केके सहारे द्वारा पुलिस में दी शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया, जिन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया है।

जानना चाहिए कि डॉक्टर सहारे की शिकायत विस्तार से जांच रिपोर्ट का हवाला देती है और कहती है कि यह 8 मार्च को समिति द्वारा जांच करने और अस्पताल में निविदा प्रक्रिया में शामिल लोगों से बात करने के बाद प्रस्तुत की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया कि पूर्व हॉस्पिटल अक्षीक्षक डॉक्टर पुनीत गुप्ता ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। जनता के पचास करोड़ रुपए संग धोखाधड़ी करने क लिए उन्होंने अपनी पहुंच का इस्तेमाल किया। खुद और दूसरे लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए जाली दस्तावेज और एक नकली ऑडिट रिपोर्ट तैयार की। डॉक्टर गुप्ता ने सरकारी नियमों का उल्लंघन किया। उन्होंने अयोग्य लोगों को नियुक्त किया और वित्तीय साक्ष्य भी छिपाए।

वहीं रायपुर के एसएसपी आरिफ शेख ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि मामले में जांच चल रही है। इसके अलावा जांच कमेटी में शामिल संयुक्त सचिव प्रियंका शुक्ला से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया, ‘हमने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसके अलावा मैं अन्य मामले में टिप्पणी नहीं करना चाहूंगीं।’ हालांकि फोन और एसएमएस के माध्यम से डॉक्टर पुनीता गुप्ता से उनका पक्ष नहीं पता चल सका। इंडियन एक्सप्रेस ने उनसे बात करने की कोशिश की।

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