Kashmir Pulwama Terror Attack: शहीद जवान अजय कुमार के अंतिम संस्कार में भाजपा मंत्री जूते पहन कर पहुंचे जिसके चलते उनकी काफी किरकिरी हो गई। ऐसे में इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
Kashmir Pulwama Terror Attack: पुलवामा में आंतकवादियों के साथ मुठभेड़ में मेरठ के रहने वाले जवान अजय कुमार भी शहीद हुए थे। ऐसे में मंगलवार को गाजियाबाद के निवाड़ी में जवान का अंतिम संस्कार किया गया। राजकीय सम्मान के साथ उनको नम आंखो से विदाई दी गई। अंतिम विदाई के वक्त कई नेता भी मौजूद रहे हालांकि उस वक्त कुछ ऐसा हो गया कि भाजपा केन्द्रीय मंत्री को लोगों का गुस्सा झेलने पड़ गया। दरअसल केन्द्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह अंतिम विदाई के वक्त न सिर्फ कई बार हंसते हुए नजर आए बल्कि वो अंतिम संस्कार स्थल पर जूते पहन कर भी पहुंचे थे।
क्या है मामला: दरअसल मंगलवार को शहीद जवान अजय कुमार को अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह, यूपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह, मेरठ भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल और बीजेपी के व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विनीत शारदा सहित कई नेता मौजूद रहे। दरअसल नेता अंतिम संस्कार स्थल पर जूते पहन कर पहुंचे थे जिसके चलते पहले ही जवान के शहीद होन से दुखी ग्रामीण और भड़क गए और नेताओं को जमकर खरी खोटी सुना दी। यहीं नहीं इसके पहले मंत्री सत्यपाल सिंह कई बार हंसते- मुस्कुराते भी नजर आए थे, जिससे लोग अधिक नाराज हो गए। बता दें कि इसका फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा है।
In a rather embarrassing situation, MoS Satyapal Singh, UP Minister Siddharth Nath Singh and Meerut BJP MP Rajendra Agarwal and other BJP leaders had to face the ire of martyr Ajay Kumar's grieving family members in Meerut village after they entered funeral site with shoes on. pic.twitter.com/bwt7Ju6k04
— Piyush Rai | پیوش رائے (@Benarasiyaa) February 19, 2019
जब भड़क गए ग्रामीण: जनता का गुस्सा बढ़ता देख नेता सरेंडर करते नजर आए। ऐसे में केन्द्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने हाथ भी जोड़े लेकिन इसके बाद भी लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ। भीड़ के गुस्सा के चलते कुछ नेताओं ने मौके पर ही अपने जूते उतारकर बाहर भिजवा दिए।
पुलवामा अटैक: गौरतलब है कि हाल ही में पुलवामा में दो बार जवान शहीद हुए है। पहली बार जहां आंतकी हमले में 40 जवान शहीद हुए थे तो वहीं दूसरी बार मुठभेड़ में एक मेजर सहित चार जवान शहीद हुए थे। वहीं मुठभेड़ में तीन आंतकियों को मार गिराया था।
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