10 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा व्यापार घाटा, दिसंबर में एक्सपोर्ट में मामूली बढ़ोतरी

देश के एक्सपोर्ट में दिसंबर 2018 में मामूली बढोतरी हुई है. यह 0.34 फीसदी बढ़कर 27.93 अरब डॉलर रहा. वैश्विक स्तर पर व्यापारिक तनाव बढ़ने और अन्य चुनौतियों के कारण एक्सपोर्ट में हल्की बढोतरी हुई.

एक्सपोर्ट में हल्की बढोतरी और इंपोर्ट में गिरावट के कारण दिसंबर 2018 में व्यापार घाटा कम होकर 10 महीने के न्यूनतम स्तर 13.08 अरब डॉलर पर आ गया. व्यापार घाटा दिसंबर 2017 में 14.2 अरब डॉलर था.

कॉमर्स मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक पिछले दिसंबर में एक्सपोर्ट 0.34 प्रतिशत बढ़ा. यह तीन महीने का न्यूनतम स्तर है. वहीं इंपोर्ट 2.44 प्रतिशत घटकर 41 अरब डॉलर रहा.

इससे पहले, सितंबर 2016 में इंपोर्ट में गिरावट दर्ज की गई थी. इसमें उस समय 2.54 प्रतिशत की गिरावट आई थी. सोने का इंपोर्ट भी रिव्यू महीने में 24.33 प्रतिशत घटकर 2.56 अरब डॉलर रहा.

पिछले महीने कई प्रमुख क्षेत्रों के एक्सपोर्ट में गिरावट आई. इसमें इंजीनियरिंग सामान, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा, औषधि, समुद्री उत्पाद, लौह अयस्क, चाय और कॉफी हैं. इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया में एक्सपोर्ट करने वालों के शीर्ष संगठन फियो ने कहा कि एक्सपोर्ट में मामूली वृद्धि अनिश्चित वैश्विक संकेत और चुनौतियों का परिणाम है.

भारतीय एक्सपोर्ट संगठनों का महासंघ (फियो) के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा, ‘चीन का एक्सपोर्ट दिसंबर 2018 में घटा. यह नाजुक वैश्विक स्थिति को बताता है. कमजोर वैश्विक आर्थिक परिदृश्य से राहत मिलती नजर नहीं आ रही.’

इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) के चेयरमैन रवि सहगल ने भी कहा कि चीन और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव और ब्रेक्जिट को लेकर अनिश्चितता जैसे वैश्विक हालात का असर एक्सपोर्ट पर पड़ा है.

हालांकि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान एक्सपोर्ट 10.18 प्रतिशत बढ़कर 245.44 अरब डॉलर रहा. वहीं इंपोर्ट 12.61 प्रतिशत बढ़कर 386.65 अरब डॉलर रहा.

वित्त वर्ष 2018-19 के पहले नौ महीनों के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 141.2 अरब डॉलर रहा जो 2017-18 की इसी अवधि में 120.57 अरब डॉलर था. दिसंबर 2018 में तेल इंपोर्ट 3.16 प्रतिशत बढ़कर 10.67 अरब डॉलर रहा. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान इंपोर्ट 42.85 प्रतिशत बढ़कर 108.10 अरब डॉलर रहा. गैर-खाद्य तेल का इंपोर्ट 2018-19 के नौ महीने की अवधि में 4.06 प्रतिशत बढ़कर 278.54 अरब डॉलर रहा.

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