शिक्षा का सच: 8वीं के 56% छात्र नहीं हल कर पाते बेसिक गणित के सवाल, 27% छात्र पढ़ नहीं पाते

नई दिल्लीः देश भर में शिक्षा का अधिकार कानून लागू करके सरकार भले ही दंभ भर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है. सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चे स्कूल तक पढ़ने के लिए पहुंचे लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. एक गैर सरकारी संस्था की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक आठवीं क्लास के 56 प्रतिशत बच्चे गणित के बेसिक सवाल भी हल नहीं कर पा रहे थे वहीं 27 प्रतिशत बच्चे पढ़ भी नहीं पा रहे थे.

गैर सरकारी संस्था ‘प्रथम’ की 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, ”आठवीं क्लास के 56 प्रतिशत छात्र तीन अंकों के भाग का हल नहीं निकाल पाए. वहीं 72 प्रतिशत पांचवीं के छात्र भाग के प्रश्न को हल करने में असफल रहे. जबकि तीसरी क्लास के बच्चे घटाव भी हल नहीं कर पा रहे थे.”

रिपोर्ट के मुताबिक 6-14 साल के 97.20 प्रतिशत बच्चे स्कूल में प्रवेश पा चुके हैं, वहीं 11-14 साल की 95.9 प्रतिशत लड़कियां स्कूल में दाखिला ले चुकी हैं. रिपोर्ट की माने तो तीसरी कक्षा के 72.80 प्रतिशत छात्र-छात्राएं दूसरी कक्षा की किताबें नहीं पढ़ पाए. एनजीओ की रिपोर्ट के मुताबिक 27 प्रतिशत 8वीं क्लास के बच्चे दूसरी क्लास के टेक्स्ट बुक को नहीं पढ़ सके.

एनजीओ ने सभी आंकड़े देश के 28 राज्यों के 596 ग्रामीण जिलों से इकट्ठा किए हैं. 3 से 16 साल के आयु वर्ग में 3.5 लाख परिवार और 5.5 लाख बच्चे शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में हर चार में से एक बच्चा आठवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दे रहा है.

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