उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में हनुमान जी को दलित बताया था। उन्होंने राजस्थान के अलवर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ऐसा कहा था। सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना था, “बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वंय वनवासी हैं, निर्वासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं। भारतीय समुदाय को उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरब से पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंगबली करते हैं।” सीएम योगी के इस बयान की तभी से आलोचना हो रही है। इस बार प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू ने योगी पर निशाना साधा है। बापू ने मंगलवार को सिमरिया स्थित साहित्य महाकुंभ के दौरान योगी द्वारा हनुमान जी को दलित बताए जाने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की।
मोरारी बापू ने कहा, “आज पूरे देश में जाति-पाति की चर्चा की जा रही है। बंद करो। तुम अपने निहित स्वार्थ के लिए ऐसे-तैसे निवेदन करते हो जिससे हिंदुस्तान का नुकसान हो रहा है। हम जोड़ने में पड़े हैं, आप तोड़ने में पड़े हो। बाज आओ। हनुमान प्राण वायु हैं। हनुमान सबके हैं। कौन माई का लाल हनुमान को जाति-पाति में बांट सकेगा। हनुमान प्राण हैं।”
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ द्वारा हनुमान जी को दलित बताए जाने के बाद कुछ और भी नेताओं की बयानबाजियां हुई थीं। बहराइच से भारतीय जनता पार्टी की सांसद सावित्री बाई फुले योगी के इस बयान के समर्थन में उतरी थीं। साथ ही उन्होंने हनुमान जी को मनुवादियों का गुलाम बता दिया था। सावित्री बाई फुले ने कहा था, “हनुमान दलित थे और मनुवादियों के गुलाम थे। अगर लोग कहते हैं कि भगवान राम हैं और उनका बेड़ा पार कराने का काम हनुमान जी ने किया था। उनमें अगर शक्ति थी तो जिन लोगों ने उनका बेड़ा पार कराने का काम किया, उन्हें बंदर क्यों बना दिया? उनको तो इंसान बनाना चाहिए था। लेकिन इंसान ना बनाकर उन्हें बंदर बना दिया गया। उनको पूंछ लगा दी गई, उनके मुंह पर कालिख पोत दी गई। चूंकि वह दलित थे इसलिए उस समय भी उनका अपमान किया गया।”
Be the first to comment