सीबीआई विवाद: वर्मा के खिलाफ सीवीसी रिपोर्ट में क्लीन चिट नहीं, कुछ और जांच की जरूरत

सीबीआई विवाद के बीच छुट्टी पर भेजे गए डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की गोपनीय रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार की। कोर्ट ने कहा कि यह रिपोर्ट इस ओर इशारा करती है कि वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर कुछ और जांच की जरुरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा से कहा कि सोमवार तक अपना जवाब दाखिल करें। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि संस्थान (सीबीआई) की मर्यादा बहाल और उसे सुरक्षित रखने साथ ही लोगों में इसको लेकर भरोसा को देखते हुए इस पर उनकी प्रतिक्रिया जरूरी समझी गई।
सीबीआई विवादों पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी रिपोर्ट आलोक वर्मा को बंद लिफाफे में देने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा कि सीवीसी रिपोर्ट पर वर्मा के जवाब देने के बाद ही कोर्ट अपने आगे का फैसला सुनाएगा। इसके साथ ही, कोर्ट ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को इनक्वायरी रिपोर्ट देने से इनकार कर दिया।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। उधर, बीजेपी नेता सुब्रमण्य स्वामी ने कहा- “मैं सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को तब से जानता हूं जब वे दिल्ली पुलिस कमिश्नर थे। मैनें उन्हें सीबीआई में एयरसेल मैक्सिस और अन्य केसों में देखा है। मैं उन्हें एक जिम्मेदार अफसर मानता हूं। काफी नाइंसाफी उनके साथ हुई है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारे प्रचार को आघात पहुंचाया है। मैं उम्मीद करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें न्याय देगा।” सुप्रीम कोर्ट सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें उन पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच, उन्हें छुट्टी पर भेजने के आदेश को चुनौती दी गई थी।
वर्मा द्वारा दायर याचिका के अलावा, अदालत में एनजीओ कॉमन कॉज की जनहित याचिका भी विचाराधीन है। इस याचिका में सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ विशेष जांच दल द्वारा जांच की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्तूबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग से अस्थाना द्वारा वर्मा पर लगाए गए आरोपों की जांच दो सप्ताह के भीतर करने को कहा था। वर्मा और अस्थाना को केंद्र सरकार ने छुट्टी पर भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि आयोग ने हाल में महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रहे सीबीआई के कुछ अधिकारियों से पूछताछ की थी। इन अधिकारियों के नाम सीबीआई प्रमुख वर्मा के खिलाफ भ्रष्टचार की अस्थाना की शिकायत में सामने आए थे। अधिकारियों ने कहा कि निरीक्षक से पुलिस अधीक्षक रैंक के सीबीआई अधिकारियों को बुलाया गया और एक वरिष्ठ सीवीसी अधिकारी के सामने उनका बयान दर्ज किया गया। जिन अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए उनमें मोइन कुरैशी रिश्वत मामला, पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े आईआरसीटीसी घोटाला, मवेशी तस्करी मामला संभालने वाले अधिकारी भी शामिल हैं।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*