कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को ट्विटर के सह-संस्थापक (को-फाउंडर) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोरसे से मुलाकात की. मीटिंग के दौरान दोनों ने ‘फेक न्यूज’ की समस्या से निपटने को लेकर चर्चा की.
राहुल के मुताबिक चर्चित माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफार्म के सीईओ ने ‘फेक न्यूज’ से निपटने के लिए ट्विटर द्वारा उठाए जा रहे कदमों की उन्हें जानकारी दी.
डोरसे से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा, ‘ट्विटर के सह-संस्थापक और सीईओ जैक डोरसे से सोमवार सुबह बातचीत हुई. ट्विटर विश्व स्तर पर सर्वाधिक प्रभावशाली संवाद मंच के रूप में उभरा है.’ उन्होंने कहा, ‘जैक ने संवाद को सार्थक बनाने और फेक न्यूज की समस्या से निपटने के लिए उठाए जा रहे कुछ कदमों के बारे में बताया.’
Jack Dorsey, the Co Founder & CEO of Twitter dropped in to chat this morning. Twitter has grown into the most dominant “conversations” platform globally. Jack explained some of the steps being taken to keep those conversations healthy & to tackle the menace of fake news. @jack pic.twitter.com/TCkj6st4rl
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 12, 2018
जैक डोरसे इन दिनों भारत दौरे पर हैं. सोमवार को ही उनका आईआईटी दिल्ली के छात्रों से भी संवाद करने का कार्यक्रम है.
क्या होता है फेक न्यूज?
फेक न्यूज को पत्रकारिता की भाषा में पीत पत्रकारिता (येलो जर्नलिज्म) कहा जाता है. इसके तहत किसी विशेष के पक्ष में प्रचार करना या उसको आधार बनाकर झूठी खबरें बनाना, दिखाना या प्रसारित करना है. साथ ही किसी व्यक्ति या संस्था की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए सनसनीखेज और बनावटी खबरें बनाकर पेश करना फेक न्यूज की कैटगरी में आता है.
भारत समेत दुनियाभर में फेक न्यूज को लेकर अलग-अलग सरकारें चिंतित हैं. फेक न्यूज शब्द का उपयोग अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान खूब हुआ था. मलेशिया ने फेक न्यूज के खिलाफ कदम उठाते हुए कानून बनाकर 6 साल की सजा का प्रावधान रखा है.
सोशल मीडिया के दौर में भारत सच्ची और झूठी खबरों के आदान-प्रदान के लिए एक प्रमुख मंच बन गया है. वाट्सऐप, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए धड़ल्ले से इनका प्रचार-प्रसार किया जाता है.
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