#MeToo: जब मैं भारत में एक युवा पत्रकार थी एमजे अकबर ने मेरा रेप किया था, ये है मेरी कहानी….

#MeToo कैंपेन के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर एक और महिला पत्रकार ने रेप का आरोप लगाया है. अमेरिका में रहने वाली एक भारतीय मूल की पत्रकार अपने साथ हुए वाकये की पूरी कहानी लिखी है. पल्लवी गोगोई नाम की ये पत्रकार नेशनल पब्लिक रेडियो (NPR) में चीफ बिजनेस रिपोर्टर हैं. उन्होंने वॉशिंगटन पोस्ट अखबार में एक कॉलम में पूरी घटना लिखा है. हालांकि एमजे अकबर के वकील ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है.

पल्लवी ने लिखा है कि भारत में #metoo अभियान के दस्तक देने के बाद मुझे लग रहा था आखिर एमजे अकबर की बारी कब आएगी. जल्द ही मेरे दोस्तों और एशियन एज जहां एमजे अकबर संपादक थे- के मेरे पुराने सहकर्मियों ने मुझसे संपर्क करना शुरू कर दिया. उन्होंने गुजारिश की कि तुम अकबर के बारे में अपनी कहानी क्यों नहीं लिखती हो? मैंने इसके बारे में सोचा. कुछ लोगों ने कहा कि हो सकता है कि मेरी कहानी कुछ दूसरों को भी अपना सच बताने का हौसला दे. इसलिए मैंने अपनी कहानी बताने का फैसला किया है. किस तरह मैंने इन यादों को 23 साल तक खुद से दूर रखा. वॉशिंगटन पोस्ट में उस पूरे वाकये को पल्लवी ने विस्तार से बताया है.

एमजे अकबर दफ्तर में चिल्लाया करते करते थे

पल्लवी लिखती हैं कि मैंने जर्नलिस्ट बनने का फैसला कर लिया था लेकिन अकबर की किताबों से मेरा सामना होने के बाद मेरी इच्छा, जुनून में तब्दील हो गई. मेरा ध्यान कहीं और न भटक जाए, इसलिए मैंने स्कूल के बाद जर्नलिज्म के बैचलर कोर्स में एडमिशन ले लिया. मुझे एशियन एज के दिल्ली दफ्तर में नौकरी मिली, उस समय मेरा यह यकीन पक्का हो गया कि मेरा मुकद्दर मुझे यहां लेकर आया है, ताकि मैं इस क्षेत्र के सबसे उम्दा उस्ताद से सीख सकूं. लेकिन, सीखने को इंतजार करना था. पहले एक भरम को टूटना था. अकबर दफ्तर में चिल्लाया करते, गालियां देते और शराब पीते थे. सीनियर मेरी खिंचाई करते थे.

जवान लड़कियों की संख्या पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा थी

अगले दो सालों के लिए मैंने युवा सब एडिटरों के साथ अकबर के फ्लर्ट करने, उनके खुलकर पक्षपात करने और उनके अश्लील मजाकों को दफ्तर की संस्कृति मानकर कबूल कर लिया था. मैंने लोगों को एशियन एज के दिल्ली ऑफिस को अकबर का ‘हरम’ कहकर पुकारते सुना था. वहां जवान लड़कियों की संख्या पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा थी. मैं अक्सर सब एडिटर्स-रिपोर्टर्स के साथ उनके अफेयर की चर्चाएं भी सुना करती थी और यह भी कि एशियन एज के हर क्षेत्रीय ऑफिस में उनकी एक गर्लफ्रेंड है.

एशियन एज के इंट्रानेट नेटवर्क पर मुझे अश्लील संदेश भेजते थे

एशियन एज में उनकी निगाह मुझ पर पड़ी और इस तरह बुरे सपने की शुरुआत हुई. मेरी डेस्क बदलकर उनकी केबिन के ठीक बाहर कर दी गई. अगर उनके कमरे का दरवाजा थोड़ा-सा भी खुला रह जाए तो मैं उनके सामने होती थी. वे अपनी डेस्क पर बैठे हर समय मुझे देखा करते, अक्सर एशियन एज के इंट्रानेट नेटवर्क पर मुझे अश्लील संदेश भेजते थे. उसके बाद मेरी साफ दिख रही बेबसी से प्रोत्साहित होकर उन्होंने मुझे अपने केबिन में बुलाना शुरू कर दिया. वे ऐसी बातचीत करते, जो निजी किस्म की होती. जैसे मैं किस तरह के परिवार से आती हूं और कैसे मैं अपने माता-पिता की मर्जी के खिलाफ दिल्ली में अकेले रहकर काम कर रही थी.

मैं उनकी एक और गर्लफ्रेंड नहीं बनना चाहती थी

कभी-कभी जब उन्हें अपना साप्ताहिक कॉलम लिखना होता तो वो मुझे अपने सामने बैठा देते ताकि वह अश्लील निगाहों से मुझे देख सकें. एक दिन जब मैं आधा झुककर बैठी हुई थी तो वह दबे पांव पीछे से आए और मुझे कमर से पकड़ लिया. मैं डर के मारे खड़े होने की कोशिश में लड़खड़ा गई. वह अपने हाथों को अश्लील तरीके से मेरे शरीर पर फिराने लगे और गंदी हरकतें करने लगे. उनके केबिन का दरवाजा न सिर्फ बंद था बल्कि उनकी पीठ भी उसमें अड़ी थी. खौफ के उन चंद लम्हों में हर तरह के ख्याल मेरे दिमाग में दौड़ गए.

आखिर उन्होंने मुझे छोड़ दिया. इस बीच लगातार एक गंदी सी मुस्कराहट उनके चेहरे पर तैरती रही. मैं उनके केबिन से भागते हुए निकली और वॉशरूम में जाकर रोने लगी. मुझे किसी अनजाने डर ने घेर लिया था. मैंने खुद से कहा कि यह फिर नहीं होगा और मेरे प्रतिरोध ने उन्हें यह बता दिया होगा कि मैं उनकी एक और गर्लफ्रेंड नहीं बनना चाहती लेकिन यह इस बुरे सपने की शुरुआत थी.

मैनें इस हादसे के बारे में किसी के साथ चर्चा नहीं की

वह हर रोज मेरे साथ अश्लील हरकतें करने लगें. दूसरी बड़ी घटना मुंबई में हुई जब मैं उनके साथ एक मैगजीन के लॉन्च प्रोग्राम में पहुंची थी. उस समय उन्होंने मुझे ताज होटल के अपने कमरे में बुलाया और जबरन किस करने की कोशिश की. मैं किसी तरह से अपने आप को छुड़ाकर वहां से भागी. दिल्ली वापस लौटने के बाद भी उनकी गंदी हरकतों का सिलसिला जारी रहा.

एक बार फिर मुझे उनके साथ एक प्रोजेक्ट के लिए जयपुर जाना पड़ा. उन्होंने किसी स्टोरी को डिस्कस करने के बहाने मुझे अपने कमरे में बुलाया. मैं जैसे ही उनके कमरे में पहुंची उन्होंने जबरन मेरे कपड़े उतार दिए और मेरा रेप किया. मैंने उनसे बचने की बहुत कोशिश की पर हो न सका. मुझे ये हादसा अपनी गलती लगा. मुझे एहसास हो रहा था कि मुझे उनके कमरे में जाना ही नहीं चाहिए था, इसलिए मैंने इस हादसे के बारे में किसी के साथ चर्चा नहीं की.

आज मैं अमेरिका की नागरिक हूं, एक पत्नी और मां भी हूं

इसके बाद मैंने खुद ही अपने आप को उनसे दूर करना शुरू कर दिया. हालांकि मैं काम उन्हीं के साथ करती थी. मैंने काम के चलते लॉन्ग टूर पर जाना मना कर दिया. साथ ही उनके आसपास भी मैं कम जाती थी. इसका उन पर असर होने लगा. वो मुझे अकेले देखकर भला बुरा कहते थे. गुस्सा दिखाते हुए कुछ भी उठाकर मार देते थे. मैं उनकी इस तरह की हरकतों से भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक रूप से टूट चुकी थी. आखिरकार मेरे कुछ दोस्तों ने मुझे वहां से निकलने में मदद की. मुझे न्यूयॉर्क में नौकरी मिल गई और मैंने पुराना सबकुछ छोड़ दिया. आज मैं अमेरिका की नागरिक हूं, एक पत्नी और मां भी हूं. एक मशहूर जर्नलिस्ट भी हूं. मैंने ये कहानी उन महिलाओं के लिए लिखी है, जो इस तरह के हादसों से गुजर चुके हैं. मैंने ये कहानी अपने बच्चों के लिए लिखी है.

आपको बता दें कि एमजे अकबर खिलाफ ने महिला पत्रकारों द्वारा यौन शोषण के आरोप लगने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि उन्होंने सभी आरोपों को झूठ बताया है और साफ इनकार किया है कि उन्होंने कभी ऐसी कोई हरकत की थी.

 

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