कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आरोपी लंबे समय तक जेपीसी जांच से भाग नहीं सकते। उन्होंने कहा कि देश अब जानता है कि राफेल सौदा पारदर्शिता की विफलता, मेक इन इंडिया, सरकारी पीएसयू और रोजगार सृजनकी विफलता का नतीजा है।
कांग्रेस ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर राफेल सौदे को लेकर निशाना साधा। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा राफेल सौदे में विमान की कीमतों का विवरण मांगे जाने और केंद्र को भारतीय ऑफसेट साझेदार के चयन प्रक्रिया को सार्वजनिक करने के लिए कहने के बाद मोदी सरकार की भ्रष्टाचार की नौका डूब जाएगी। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार से भरी बीजेपी सरकार उपरोक्त जांचों से ज्यादा समय तक नहीं बनी रह सकती।”
Modi ji,
First you destroyed the functioning of CBI,
Now it is the turn of RBI!
It seems for you everything is ‘I’, ‘I’ & ‘I’!
Come out of this self obsession and stop the assault on India’s Institutions!
Let Democracy prevail! #RBIvsGovt pic.twitter.com/2kQOo2Wbw6
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 31, 2018
कांग्रेस नेता ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा, “आरोपी लंबे समय तक जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच से भाग नहीं सकते। देश अब जानता है कि राफेल सौदा पारदर्शिता की विफलता, मेक इन इंडिया, सरकारी पीएसयू और रोजगार सृजन की विफलता का नतीजा है।”कांग्रेस नेता रणजदीप सुरजेवाला का बयान सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार से राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर मूल्य और अन्य जानकारी मांगे जाने के बाद आई है। सीजेआई रंजन गोगोई की पीठ ने केंद्र से कहा कि उसे एक हफलनामे में कीमत की जानकारी को साझा करने में दिक्कत को बताना चाहिए। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से मौखिक तौर पर कहा कि अगर लड़ाकू विमान की कीमत विशिष्ट सूचना है और इसे साझा नहीं किया जा सकता है, तो इसपर हलफनामा दाखिल करें।इसे भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से मांगी राफेल की फाइल, कहा, बंद लिफाफे में दें कीमत और रणनीतिक जानकारी
बता दें कि यूपीए सरकार ने राफेल सौदे की शुरुआत की थी तो उसने 126 विमान खरीदने का फैसला किया था और कीमत करीब 526 करोड़ प्रति विमान तय हुई थी। इस सौदे में खास बात यह थी कि 18 विमान उड़ंतु स्थिति (फ्लाईअवे) में आने थे और बाकी का निर्माण यहीं भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड- एचएएल को करना था। सौदे की शर्तों में राफेल बनाने की तकनीक एचएएल को देना भी शामिल था। लेकिन आरोप है कि मोदी सरकार ने सिर्फ 36 विमानों का सौदा किया, कीमत तीन गुना कर दी गई, एचएएल को सौदे से बाहर कर दिया गया और हजारों करोड़ का ठेका बिना अनुभव वाली और कर्ज में डूबी रिलायंस डिफेंस को दे दिया गया। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने इस सौदे में घोटाला किया है। लगातार कांग्रेस इस डील की जांच की मांग कर रही है।
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