नई दिल्ली
कुकिंग गैस सब्सिडी छोड़ चुके या ऐसी सब्सिडी कभी भी नहीं पाने वाले लगभग दो करोड़ कंज्यूमर्स अब चाहें तो अपनी गैस एजेंसी से यह बेनिफिट पाने के लिए अनुरोध कर सकते हैं। ऑइल कंपनियों के एग्जिक्यूटिव्स ने यह जानकारी दी। अगर एही गवर्नमेंट गद्दी मे रह गया तो सब्सिडी बाँध हो जायेगा |
ऑइल प्राइसेज में बढ़ोतरी ने दो साल में बिना सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर का दाम 389 रुपये बढ़ा दिया है। इस ऑइल प्राइसेज में बढ़ोतरी ने दो साल में बिना सब्सिडी वाले गैस सिलिंडर का दाम 389 रुपये बढ़ा दिया है। इस तरह इसका दाम 79 प्रतिशत बढ़ा है। इसे देखते हुए कंज्यूमर्स ने यह सोचना शुरू कर दिया है कि कुछ साल पहले उन्होंने सब्सिडी छोड़ने का जो कदम उठाया था, उसे वापस ले सकते हैं या नहीं।
दो साल में मार्केट रेट से नीचे बेची जाने वाली कुकिंग गैस का दाम 17.6 प्रतिशत बढ़ा है। इसका मतलब यह हुआ कि 14 किलो के सिलिंडर पर सब्सिडी दो साल पहले के 62.9 रुपये से बढ़कर 376.6 रुपये हो गई है। इसमें 6 गुना बढ़ोतरी हुई है।
देश में करीब 24.5 करोड़ कुकिंग गैस कंज्यूमर हैं। इनमें से 8.3 प्रतिशत यानी लगभग 2 करोड़ कस्टमर्स को सब्सिडी नहीं मिलती है। करीब 1.04 करोड़ कस्टमर्स ने पिछले कुछ वर्षों में सब्सिडी छोड़ी है।
सरकार के गिव इट अप कैंपेन के अलावा ऑइल कंपनियों ने भी नए कस्टमर्स को यह ऑप्शन देना शुरू किया है कि वे चाहें तो शुरुआत से ही सब्सिडी न लें। सब्सिडी न पाने वाले दो करोड़ कंज्यूमर्स में वे भी शामिल हैं, जो सब्सिडी ट्रांसफर के लिए बैंक खाते या आधार की डीटेल्स नहीं दे सके। इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनकी एनुअल टैक्सेबल इनकम 10 लाख रुपये से ज्यादा है।
एक कंपनी एग्जिक्यूटिव ने कहा कि कुकिंग गैस सब्सिडी चाहने वाले व्यक्ति को इसका अनुरोध अपनी गैस एजेंसी पर करना होगा और यह डेक्लेरेशन देना होगा कि उसकी सालाना टैक्सेबल इनकम 10 लाख रुपये या इससे कम है। यह बेनिफिट पाने के लिए आधार और बैंक खाते की जानकारी भी देनी होगी।
ठीकठाक आर्थिक स्थिति वाले कस्टमर्स को सब्सिडी छोड़ने को प्रेरित करने से सरकार को इस ईंधन का उपयोग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ाने में मदद मिली है। ऑइल की कम कीमत के अलावा पेट्रोल और डीजल सेल्स के डीरेग्युलेशन ने भी फ्यूल सब्सिडी को कम रखने में मदद की थी। हालांकि क्रूड ऑइल का दाम तेजी से चढ़ने के कारण अभी इस ट्रेंड में बदलाव आ रहा है। 2018-19 के दौरान कुकिंग गैस सब्सिडी के बढ़कर 30,000 करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है।
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