मध्य प्रदेश से बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खंडवा से सांसद नंदकुमार सिंह चौहान की हाल ही में एक दंबगई की घटना देखने को मिली है. शिवपुरी जिले के कोलारस के नजदीक पूरनखेड़ी टोल प्लाजा पर जब उनसे पहचान पत्र मांगा गया तो वह कुछ इस कदर नाराज हो गए कि टोलकर्मी के साथ मारपीट पर उतर गए. चौहान और उनके सुरक्षा गार्ड के कथित हमले में टोल बूथ के दो स्टाफ घायल हो गए. घायलों में से एक के सिर पर चोट लगी है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
Shivpuri: 2 toll plaza employees critically injured after allegedly being thrashed by BJP MP Nandkumar Singh Chauhan & his aides in Kolaras y'day because they asked the leader for his identity proof. Incident captured on CCTV camera, the MP denied his involvement. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/2XBRFA4DuD
— ANI (@ANI) October 6, 2018
टोल कर्मी ने बताया- ‘उन्होंने खुद को सांसद बताया किसी पार्टी से. उनका यहां से निकलना हुआ तो टोलकर्मी ने उनसे आईडी मांगी लेकिन उन्होंने अपनी पहचान नहीं बताई और टोल पर आकर मारपीट शुरू कर दी. दो को चोट आई, एक के सिर पर चोट लगी है.’ ये पूरा मामला सीसीटीवी में कैद हो गया है. वीडियो में चौहान के सुरक्षाकर्मी कर्मचारियों के साथ मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीं चौहान भी एक फुटेज में कर्मचारियों के साथ मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने टोल स्टाफ से उनके पैर छुने को भी कहा.
"We don't know the persons who thrashed our employees but it's heard that one was an MP. Employees asked him about his identity but he refused & thrashed them. The government has waived off toll for them, but thrashing is wrong," says a toll plaza employee. #MadhyaPradesh (5.10) pic.twitter.com/lNeFWf1ayH
— ANI (@ANI) October 6, 2018
आपको बता दें कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और पूर्व राज्य बीजेपी अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान सहित वरिष्ठ बीजेपी नेता शुक्रवार को शिवपुरी जिले में थे ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल हो सकें. दरअसल आज बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शिवपुरी के दौरे पर हैं. वहीं बीजेपी के प्रवक्ता राहुल कोठारी ने इस मामले पर कहा, ‘नंदकुमार सिंह चौहान एक शांत राजनेता हैं और हम उनसे किसी भी हिंसक व्यवहार की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. यह पता लगाने के लिए उचित जांच की आवश्यकता है कि टोल स्टाफ ने अपने किसी भी कृत्य के साथ राजनेता को उकसाया तो नहीं.’
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