बड़े-बड़े सितारे अपने व्यायाम को सिर्फ एक सेल्फी कैमरे से रिकॉर्ड कर रहे हैं जबकि नरेंद्र मोदी के वीडियो को काफी पेशेवर तरीके से बनाया गया है
बीते महीने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिटनेस चैलेंज दिया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था. अब नरेंद्र मोदी ने इस चैलेंज को पूरा करते हुए अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट्स से एक वीडियो जारी किया है. इसमें वे सुबह-सुबह व्यायाम करते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को ट्वीट करते हुए उन्होंने यह भी बताया है कि वे हर सुबह योग और प्राणायाम के अलावा एक खास ट्रैक पर भी चलते हैं जो प्रकृति के पांच तत्वों (पंचतत्व) से प्रेरणा लेकर बनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह फिटनेस वीडियो और उसमें दिखाया गया पंचतत्व ट्रैक सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोर रहे हैं. यह वीडियो कुछ ही घंटों में इतना पॉपुलर हो गया कि इसके तमाम मीम्ज भी शेयर किए जा रहे हैं.
Here are moments from my morning exercises. Apart from Yoga, I walk on a track inspired by the Panchtatvas or 5 elements of nature – Prithvi, Jal, Agni, Vayu, Aakash. This is extremely refreshing and rejuvenating. I also practice
breathing exercises. #HumFitTohIndiaFit pic.twitter.com/km3345GuV2— Narendra Modi (@narendramodi) June 13, 2018
लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता लाने के लिए प्रधानमंत्री ने अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल किया है जिसके लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए. लेकिन वीडियो में कई ऐसी बाते हैं जो इस तरह से आपका ध्यान खींचती हैं कि कुछ लोग प्रधानमंत्री पर आत्ममुग्धता का आरोप एक बार फिर से लगा सकते हैं. सबसे पहले तो एक मिनट अड़तालीस सेकंड के इस वीडियो को सिर्फ चंद सेकंड्स देखकर ही समझ आ जाता है कि इसे काफी पेशेवर तरीके से कई पेशेवर लोगों ने कई कैमरों मदद से बनाया है. शायद इसी वजह से यह प्रधानमंत्री के व्यायाम की सही और सहज तस्वीर दिखाता नहीं लगता है. इतने कैमरों और लोगों की मौजूदगी में नरेंद्र मोदी व्यायाम की बजाय उसका अभिनय सा करते हुए ज्यादा नजर आते हैं.
इसी बात को अगर थोड़ा और आगे बढ़ाया जाए तो ऐसा भी प्रतीत होता है जिन व्यायामों को नरेंद्र मोदी रोज करते हैं शायद वे इस वीडियो में दिखाए ही नहीं गये हैं. पंचतत्वों से बने ट्रैक पर चलते हुए भी वे इसके आदी नहीं लगते और वीडियो में कुछ कुछेक शॉट भी कुछ रीटेक के बाद लिए गए लगते हैं. कुल मिलाकर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के व्यायाम करने में नियमित व्यायाम करने वाली एक लय नहीं नजर आती, बल्कि उसमें एक अजीब तरह का असंतुलन और असहजता नजर आते हैं.
इसके अलावा रीटेक और अलग-अलग तरीके से लिए गए शॉट्स यह भी बताते हैं कि इस वीडियो को फिल्माने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफी समय भी खर्च हुआ होगा. यानी कि पहले इस फिटनेस वीडियो को बनाने के लिए इतना तामझाम रचा गया होगा और फिर ढेर सारा वक्त खर्च कर इसे अंजाम दिया गया होगा.
अगर पंचतत्व वाले ट्रैक की बात करें तो इस पर भी पत्थर, रेत, घास और पानी के अलावा और कुछ नजर नहीं आता. पानी और पत्थर-मिट्टी के अलावा जब और कुछ है ही नहीं तो किस तरह यह ट्रैक प्रकृति के पांच तत्वों – मिट्टी, जल, वायु, अग्नि और आकाश – का प्रतिनिधित्व करता है, यह भी समझना मुश्किल है. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इस ट्रैक पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि प्रधानमंत्री जी को विराट कोहली के चैलेंज का जवाब देने में इतनी देर शायद इसीलिए लग गई कि ट्रैक को बनाने में थोड़ा वक्त लगता है. कइयों का यह भी कहना है कि अगर मोदी जी खुद को भारतीय संस्कृति से जुड़ा ही दिखाना चाहते थे तो इसके लिए वे सिर्फ योग-प्राणायाम आदि ही कर सकते थे.
कई लोगों को एक सोशल मीडिया चैलेंज को पूरा करने के लिए देश के प्रधानमंत्री द्वारा इतना सब किया जाना भी ठीक नहीं लगता. अगर विराट कोहली, रणवीर सिंह, अमिताभ बच्चन, सोनम कपूर जैसे ग्लैमर की दुनिया के सितारे अपने व्यायाम को बिना किसी तामझाम के सिर्फ एक सेल्फी कैमरे में कैद करके सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं तो खुद को फकीर बताने वाले हमारे प्रधानमंत्री ऐसा क्यों नहीं कर सकते! यहां ध्यान देने वाली एक बात यह भी है कि इन फिल्मी और खेल हस्तियों के फिटनेस चैलेंज वाले वीडियो जहां दस से तीस सेकंड के ही थे, वहीं मोदी जी को वीडियो करीब दो मिनट लंबा है.
ऐसे में कुछ लोग यह मानें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी आत्ममुग्धता के फेर में इस वीडियो को बनवाया और जारी किया है तो उन्हें गलत कैसे कहा जाए!
Courtesy: Sataygrah
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