तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने बीएस येदियुरप्पा, विरोध में विधानसभा के बाहर धरने पर बैठी कांग्रेस

भाजपा विधायक दल के नेता बी एस येद्दियुरप्पा ने आज (गुरुवार को) मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सरकार बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में रातभर चली हाई वोल्टेज कानूनी लड़ाई के बाद येद्दियुरप्पा तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। 75 वर्षीय येद्दियुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला ने राजभवन में एक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सुप्रीम कोर्ट ने येद्दियुरप्पा के शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार किये जाने के कुछ घंटों बाद ही भाजपा नेता ने अकेले शपथ ली। एगलटन रिजॉर्टके के बाहर बोले कांग्रेस विधायक खादेर, सभी विधायक संपर्क में हैं। जो दो विधायक उपस्थित नहीं हैं वो यहां पहुंचने वाले हैं। मैं अभी-अभी मंगलुरू से वापस आया हूं। शंग्रिला होटल के लिए निकले एचडी देवेगौड़ा। यहीं ठहरे हैं जेडीएस के विधायक येदियुरप्पा के शपथ के बाद विधानसभा में गांधी प्रतिमा के पास कांग्रेस का प्रदर्शन। पूर्व सीएम सिद्धारमैया, गुलाम नबी आजाद समेत और अशोक गहलोत समेत कई नेता मौजूद। भाजपा नेता अनंत कुमार और मुरलीधर राव के साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा इससे पहले उच्चतम न्यायलय ने रातभर चली दुर्लभ सुनवाई के बाद येद्दियुरप्पा के कनार्टक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। देर रात दो बजकर 11 मिनट से आज सुबह पांच बजकर 58 मिनट तक चली सुनवाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया न्यायालय के समक्ष इस मामले के अंतिम फैसले का विषय होगा।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति एस के बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की एक विशेष पीठ ने कहा, ”न्यायालय बी एस येद्दियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने के संबंध में कोई आदेश नहीं दे रहा है। अगर वह शपथ लेते हैं तो यह प्रक्रिया न्यायालय के समक्ष इस मामले के अंतिम फैसले का विषय होगा। येद्दियुरप्पा के पास विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय है।
सदन में भाजपा के पास 104 विधायक हैं जो बहुमत के 112 के आंकड़े से आठ विधायक कम है। कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से 222 सीटों के लिए मतदान हुआ था। जयनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार के निधन के बाद चुनाव रद्द कर दिया गया जबकि आर आर नगर सीट पर कथित चुनावी कदाचार के चलते मतदान 28 मई के लिए टाल दिया।
गौरतलब है कि कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन ने राज्यपाल की ओर से येदियुरप्पा को शपथ के लिए आमंत्रित किये जाने के बाद शीर्ष अदालत के अतिरिक्त रजिस्ट्रार का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले को तत्काल मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के आवास ले जाया गया और उन्होंने सारी औपचारिकताएं पूरी करते हुए रात में ही सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति सिकरी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय खंडपीठ गठित की थी। इससे पहले भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने ट्वीट किया था कि कल सुबह 9.30 बजे येदियुरप्पा लेंगे सीएम पद की शपथ। उन्होंने आम लोगों को भी इस मौके पर मौजूद रहने को कहा था। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि सरकार बनाने को लेकर भाजपा अब आश्वस्त है।
कांग्रेस ने कहा कि राज्यपाल वजुभाई वाला कांग्रेस-जदएस गठबंधन को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करने को संवैधानिक रूप से बाध्य हैं और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो यह राज्य में खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देना होगा। उसने यह भी कहा कि अगर राज्यपाल इस गठबंधन को न्योता नहीं देते हैं तो फिर राष्ट्रपति या न्यायालय के पास जाने का विकल्प खुला हुआ है।
राज्यपाल की ओर से बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का मौका देने से जुड़ी अटकलों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल, रणदीप सुरजेवाला और विवेक तन्खा ने कहा कि राज्यपाल के फैसले की आधिकारिक घोषणा के बाद पार्टी इन दो विकल्पों को लेकर निर्णय करेगी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि अगर राजपाल चाहें तो उनके समक्ष 117 विधयकों की पेशी कराई जा सकती है। सिब्बल ने गोवा के मामले में उच्चतम न्यायालय की एक टिप्पणी का हवाला दिया और कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल बहुमत वाले गठबंधन को सरकार बनाने का न्यौता देने के लिए संवैधानिक रूप से बाध्य हैं।

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