कर्नाटक: नतीजे के एक दिन बाद गवर्नर हाउस पर बढ़ी हलचल

 

कर्नाटक चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के बाद बीजेपी और जेडीएस-कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाने का दावा किया है। अब अंतिम फैसला राज्यपाल वजुभाई वाला को करना है कि वे अगली सरकार बनाने के लिए किसे बुलाते हैं।
ख़बरों के अनुसार, कांग्रेस-जेडीएस की टीम राज्यपाल से मिलकर उन्हें चुनाव में तीसरे नंबर पर आए एच.डी. कुमारस्वामी के समर्थन में 118 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र सौंपेगी। सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी को संख्याबल में जरूरी आंकड़े से 8 कम है लेकिन फिर भी वे पहले सरकार बनाने के न्यौते की उम्मीद कर रही है। 224 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 112 सीटें होनी जरूरी है।
222 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान में से बीजेपी को 104 सीटें हासिल हुई है। जबकि, कांग्रेस 78 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही तो वहीं बीएसपी के साथ मिलकर लड़नेवाली पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा की जेडीएस 38 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रही।
तीनों पार्टियां बुधवार की सुबह विधायक दल की बैठक कर रही है। बीजेपी और कांग्रेस-जेडीएस दोनों ने ही कहा है कि वे बैठक के बाद राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और उन्हें संख्याबल को लेकर पत्र सौपेंगे।
कांग्रेस की हार के बाद, पार्टी ने राजनीतिक तौर पर जल्दबाजी दिखाते हुए जेडीएस के साथ डील की। समझौते के मुताबिक, कांग्रेस ने जेडीएस नेता कुमारस्वामी की अगुवाई में सरकार को समर्थन देने की अपील की।4- मंगलवार को बेंगलुरू में देर रात फाइव स्टार होटल में हुई मीटिंग में दोनों दलों के शीर्ष नेता मिले और आगे की रणनीति पर चर्चा की।
2006 में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने और उसके बाद मुख्यमंत्री बनने के लिए बीजेपी के साथ आनेवाले कुमारस्वामी ने बैठक के बाद कहा कि उनका नया गठबंधन धर्म निरपेक्ष ताकतों को बचाना है।
मंगलवार की बैठक के बाद सिद्दारमैया ने कहा कि हमारे पास 117 विधायक है जो बहुमत के लिए जरूरी संख्याबल से कहीं ज्यादा है।
सिद्धारमैया ने उन खबरों को भी निराधार बताया जिनमें ये कहा गया था कि लिंगायत समुदाय से चुनकर विधायकों में कुमारस्वामी के नेतृत्व पर असंतुष्टि है। कुमारस्वामी खुद वोकालिंगा समुदाय से आते हैं।
बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार बी.एस. येदियुरप्पा ने भी कहा कि वे बीजेपी के विधायकों के साथ बैठक करेंगे जिसके बाद वह राज्यपाल से मुलाकात कर सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल से सरकार बनाने देने की अपील करेंगे।
कांग्रेस ने गोवा और मणिपुर में पिछले साल बीजेपी की तरफ से किए गए सरकार बनाने के दावे का उदाहरण दिया है जब सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने चुनाव बाद फौरन गठबंधन किया था जबकि दोनों ही राज्य में कांग्रेस बड़ी पार्टी थी।
विधायकों की खरीद फरोख्त की संभावना के बीच कुमारस्वामी ने कहा- हम इस बात को सुनिश्चित करने में लगे हैं कि हमारे विधायकों को लालच ना दिया जाए। उधर, केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस को नकारा है। ऐसे में कांग्रेस-जेडीएस का गठबंधन अनैतिक है गेंद अब राज्यपाल वजुभाई वाला के कोर्ट में है जो अंतिम फैसला लेने से पहले ये देखेंगे कि कौन सी पार्टी राज्य में स्थायी सरकार दे सकती है। वजुभाई वाला कानूनी और संवैधानिक जानकारों से भी राय ले सकते है।

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