देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार चौथे सप्ताह बढ़ता हुआ एक नया रिकॉर्ड स्तर बनाने में कामयाब रहा और पहली बार 425 अरब डॉलर के पार पहुंच गया। इसमें सबसे ज्यादा योगदान विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति का रहा। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 13 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.22 अरब डॉलर बढ़कर 426.08 अरब डॉलर पर रहा। इससे पहले 6 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में यह 50.36 करोड़ डॉलर बढ़कर 424.86 अरब डॉलर पर रहा था।
विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति भी 13 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 1.20 अरब डॉलर बढ़कर 400.98 अरब डॉलर पर पहुंच गई। यह पहली बार है जब विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 400 अरब डॉलर के पार पहुंची है। इस दौरान स्वर्ण भंडार 21.48 अरब डॉलर पर स्थिर रहा। आंकड़ों के अनुसार अंतरार्ष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 89 लाख डॉलर बढ़कर 2.08 अरब डॉलर पर और विशेष आहरण अधिकार 66 लाख डॉलर की वृद्धि के साथ 1.54 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा माना जाता है। आर्थिक जानकारों के मुताबिक भारत का मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार देश के करीब 10 से 11 माह के आयात खर्च के बराबर है। देश में तेल की कुल खपत का करीब 75 फीसदी आयात से पूरा होता है जिसमें बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च होती है।
Be the first to comment