भारत और फ्रांस शुक्र और मंगल ग्रह पर एक साथ खोज करेंगे

भारत और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसियां मंगल और शुक्र के लिए अंतर-ग्रहीय अभियानों पर काम करने को लेकर चर्चा कर रही हैं। दोनों देशों के बीच बढ़े हुए अंतरिक्ष सहयोग के लिए एक संयुक्त बयान पर सहमति बनने के करीब महीने भर बाद यह चर्चा हो रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और फ्रांसीसी राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी (सीएनईसी) चंद्रमा, मंगल और अन्य ग्रहों पर रोवर के स्वतंत्र रूप से परिचालन के लिए साथ मिलकर काम करने पर राजी हुए हैं। दोनों देश ग्रहीय खोज के लिए एयरोब्रेकिंग प्रौद्योगिकी पर भी सहमत हुए हैं।

सीएनईएस के एक अधिकारी ने बताया, मंगल की तुलना में शुक्र पर ज्यादा खोज नहीं की गई है। यही कारण है कि हम शुक्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। इसरो ने अपने लिए इस प्राथमिकता की पुष्टि की है। भारत के भविष्य के मंगल अभियान के लिए भी चर्चा हो रही है। भारत ने दो अंतर ग्रहीय अभियानों चंद्रयान 1 और मंगलयान को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस महीने इसके चंद्रयान 2 भेजने की संभावना है, जिसके जरिये चंद्रमा पर एक रोवर उतारा जाएगा। खासतौर पर सीएनईएस इसरो को भविष्य के चंद्र रोवर के परिचालन में मदद कर सकता है जबकि दोनों देश मंगल और शुक्र के वायुमंडल के बारे में जानकारी जुटाने के लिए संयुक्त रूप से काम करेंगे।

गौरतलब है कि शुक्र भी मंगल की तरह पृथ्वी का करीबी ग्रह है। लेकिन शुक्र अब तक वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बना हुआ है। भारत-फ्रांस सहयोग बहुत मजबूत है और यह छह दशक पुराना है। भारत अपने उपग्रहों को उसकी कक्षा में भेजने के लिए फ्रांसीसी प्रक्षेपण स्थलों का इस्तेमाल करता रहा है।

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