अमेरिका की संसद में बोले जुकरबर्ग- मेरा भी निजी डेटा दूसरों को बेचा गया

फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि उनका निजी डेटा भी तीसरे पक्ष को बेचा गया हैं। वह कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल का हवाला दे रहे थे। इस स्कैंडल ने पिछले कुछ सप्ताह से जुकरबर्ग की कंपनी को हिलाकर रख दिया है।
बुधवार को दूसरे दिन जुकरबर्ग कांग्रेस में पूछताछ का सामना कर रहे थे। वह कैलिफोर्निया की डेमोक्रेट प्रतिनिधि एना इशू के सवालों को जवाब दे रहे थे। फेसबुक ने बताया है कि 8.7 करोड़ लोगों की निजी जानकारी हासिल की गई। ऐसा तब हुआ जब 270,000 यूजर्स ने पर्सनैलिटी क्विज में हिस्सा लिया था। इन यूजर्स के साथ ही इनके दोस्तों के डेटा को भी एक बाहरी एप ने हासिल किया।
जुकरबर्ग कल मंगलवार को भी अमेरिकी संसद में पेश हुए थे। मंगलवार को वे तकरीबन 5 घंटे तक सांसदों के सवालों का जवाब देते रहे थे। मंगलवार को अमेरिका के एक सांसद ने फेसबुक के पूर्वाग्रह आधारित और राजनीतिक सेंसरशिप के व्यापक स्वरूप पर चिंता जताई थी। इस पर जुकरबर्ग ने कहा था कि आतंकवादी संगठन अपने अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए इस मंच का इस्तेमाल नहीं कर पाएं इसके लिए इस तरह की सेंसरशिप की जरूरत है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसद टेड क्रूज ने 2016 के विवाद का हवाला देते हुए बताया था कि कैसे फेसबुक ने ट्रेंडिंग टॉपिक फीचर में कंजर्वेटिव झुकाव वाली खबरों से कैसे व्यवहार किया। इस पर जवाब देते हुए जुकरबर्ग ने अमेरिकी संसद में सांसदों से कहा, ‘मुझे लगता है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि फेसबुक से आतंकी प्रचार प्रसार से जुड़ी सामग्री को हटा देना चाहिए। मैं, इससे सहमत हूं, मेरा मानना है कि यह स्पष्ट रूप से बुरी गतिविधि है जिसे हमें हटा देना चाहिए।’
कैंब्रिज एनालिटिका डेटा लीक मामले के बीच जुकरबर्ग अमेरिकी संसद में बयान दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि फेसबुक सभी प्रकार के विचारों के लिए एक मंच है। क्रूज ने कहा , बहुत से अमेरिकियों के लिए यह राजनीतिक पूर्वाग्रह का व्यापक स्वरूप है। क्या आप इस आकलन से सहमत हैं?’ क्रूज ने जकरबर्ग से पूछा , ‘क्या आप महसूस करते हैं कि उपयोगकर्ताओं का आकलन करना अपनी जिम्मेदारी है , चाहे उनके अच्छे और सकरात्मक संपर्क हों?’
फेसबुक सीईओ ने कहा , ‘मैं महसूस करता हूं कि कई चीजें ऐसी हैं, जिस पर हम सब सहमत होंगे कि वे बुरी चीजें हैं। इनमें हमारे चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप, आतंकवाद सहित अन्य शामिल हैं।’

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